
अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर कसा तंज, कहा-निद्रा नहीं चिंतन में लीन थे ‘माननीय’
लखनऊ : यूपी की बीजेपी सरकार की विपक्ष पार्टी सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नाम लिए बिना सीएम योगी पर तंज कसा है। बुधवार को उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ‘’सदन में माननीय’ निद्रा में नहीं लीन थे, बल्कि इस चिंतन में वह लीन थे कि प्रदेश की जो दुर्दशा उनके समय में हुई है तथा जनता में उसकी वजह से जो गुस्सा है, उसका सामना कैसे करें।”
दरअसल, यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने मंगलवार को विधान परिषद कार्यवाही के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कुछ तस्वीरें ट्वीट की थी। उसी मामले को आगे बढ़ाते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि ”ये आरोप निराधार है कि ‘माननीय’ सदन में निद्रा में लीन थे। सच तो ये है कि वो इस चिंतन में खोए थे कि उनके समय में प्रदेश की जो दुर्दशा हुई है और उसके कारण जनता में जो असीमित आक्रोश है, उसका सामना कैसे किया जाए और अगले चुनाव में प्रत्याशी कहां से लाये जाएं।”
कानून व्यवस्था प्रदेश में खत्म हो गया
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि कानून का राज प्रदेश में खत्म हो गया है। प्रदेशवासी उत्पीड़न, हिंसा तथा अराजकता से डरे हुए हैं। यूपी राजधानी दिल्ली में सूबे की बेटी से दुष्कर्म के बाद आत्मदाह की घटना से शर्मसार है। महोबा में छेड़खानी का विरोध करने पर महिला को जिंदा जला दिया गया। भाजपा सरकार की विफलता का ऐसी घटनाएं परिचायक है।
अखिलेश ने कहा कि मथुरा में दिनदहाड़े करोड़ों की तथा गोरखपुर में लाखों की लूट और एनकाउंटर वाली बीजेपी सरकार के समय खराब हो चुकी कानून व्यवस्था की पोल खोल दी है। यूपी में ऐसा लग रहा है कि बीजेपी सरकार का अपराधियों ने एनकाउंटर कर दिया है।
बीजेपी असहमति की आवाज दबा रही है
अखिलेश ने कहा कि दिनदहाड़े सीएम के जनपद गोरखपुर में बदमाशों ने आखों में मिर्च पाउडर डालकर लूट की। अखिलेश ने कहा कि यह प्रदेश का दुर्भाग्य है कि सीएम कानून का पालन कराने के स्थान पर पुलिस को ठोको नीति की विद्या देते हैं। विपक्षी दलों के नेताओं तथा कार्यकर्ताओं के मकान सरकारी सत्ता के इशारे पर ढहाए जा रहे है।
उन्होंने आगे कहा कि, बीजेपी सरकार जेसीबी मानसिकता से काम कर रही है। असहमति की आवाज को जिसके अंतर्गत दबाया जा रहा हैं। समाज में बीजेपी ने राजनैतिक शत्रुता पैदा की है।