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अखिलेश यादव ने दिवंगत पिता मुलायम सिंह यादव की ‘तेरहवीं’ किया इंकार, जानिए क्या है वजह ?
लखनऊ : समाजवादी पार्टी(SP) के संस्थापक और यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव का 10 अक्टूबर को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। हिंदू धर्म की मान्यता के मुताबिक, किसी व्यक्ति के निधन के बाद उसकी आत्मा की शांति के लिए 13वें दिन एक धार्मिक अनुष्ठान किया जाता है, जिसे ‘तेहरवीं’ कहा जाता है। मगर, दिवंगत मुलायम सिंह की 13वीं नहीं की जाएगी। उनके निधन से परिवार और सपा समर्थकों में गम का माहौल है।
मुलायम सिंह(Mulayam Singh) के निधन के बाद उनके बेटे अखिलेश यादव दिवंगत पिता की शांति के लिए शुद्धि संस्कार किए हैं। मगर, अखिलेश यादव(Akhilesh Yadav) अपने पिता की तेरहवीं नहीं करेंगे। इसका कारण समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व एमएलसी सुनील सिंह साजन ने बताया। उन्होंने बताया कि नेताजी की तेरहवीं नहीं होगी बल्कि उसकी जगह 21 अक्टूबर को शांति पाठ और हवन पूजन किया जाएगा।
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शांति पाठ और हवन पूजन किया जाएगा
पूर्व एमएलसी सुनील सिंह साजन ने बताया कि, ”सैफई के आस-पास के एक-दो जनपदों में अब तेरहवीं करने की परंपरा नहीं है। असल में, जब मुलायम सिंह यादव छोटे थे तो सैफई और आस-पास के क्षेत्रों में भी तेरहवीं होती थी। लेकिन, जब वह बड़े हुए और राजनीति में आए तो उन्होंने समाज सुधारक के तौर पर कार्य किया। नेताजी ने ही समाज सुधारकों के साथ मिलकर इस परंपरा को खत्म करने की शुरुआत की। धीरे-धीरे यहां तेरहवीं का कार्यक्रम किया जाना बंद हो गया। तभी से ही लोग इसके स्थान पर शांति पाठ के साथ हवन और पूजा पाठ करने लगे। लिहाजा, नेताजी की भी तेरहवीं नहीं की जाएगी बल्कि उसकी जगह शांति पाठ और हवन पूजन किया जाएगा।”