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एम्स ऋषिकेश के डॉक्टरों ने जटिल सर्जरी सफलतापूर्वक करने का किया दावा

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के डॉक्टरों ने एक महिला रोगी के इलाज में एक जटिल थोरैसिक सर्जरी करने का दावा किया है। महिला कई वर्षों से लिम्फैंगियोलेयोमायोमैटोसिस नामक एक बहुत ही दुर्लभ बीमारी से पीड़ित थी। महिला मरीज पिछले तीन महीने से ऑक्सीजन सपोर्ट पर थी।

 

डॉक्टरों का दावा है कि सर्जरी के बाद मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है। 34 वर्षीय महिला उत्तर प्रदेश (यूपी) के मुजफ्फरनगर जिले की रहने वाली हैं। जो की पिछले दस साल से सांस लेने में तकलीफ से जूझ रही थी। धीरे धीरे उसकी हालत बिगड़ती गई और उसे ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत थी।

 

एम्स-ऋषिकेश की ऑपरेशन टीम के सर्जिकल प्रभारी डॉ मधुर उनियाल ने कहा कि, लिम्फैंगियोलेयोमायोमैटोसिस ने फेफड़े के ऊतकों को नुकसान पहुंचाया था। जिसके परिणामस्वरूप पूरी तरह से ऑक्सीजन युक्त रक्त की अक्षमता, फेफड़ों में तरल पदार्थ और सामान्य फेफड़े के पतन जैसी समस्याएं होती हैं।

उन्होंने बताया कि, यह रोग बहुत दुर्लभ है और दस लाख लोगों में एक रोगी में होता है। इस रोग के कारण फेफड़ों की चिकनी मांसपेशियां असामान्य रूप से विकसित हो जाती हैं।

 

ऐसे में इन अप्राकृतिक ऊतकों को फेफड़ों से हटाना जरूरी था। क्योंकि वे न केवल हृदय और केंद्रीय संरचनाओं को संकुचित कर रहे थे। बल्कि विपरीत फेफड़े को भी संकुचित कर रहे थे।

इस जटिल सर्जरी में चार घंटे से अधिक का समय लगा। पूरी तरह से ठीक होने के बाद, मरीज को सफलतापूर्वक छुट्टी दे दी गई है।

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