अफगानिस्तान ने भारत का दरवाजा खटखटाया, आपात सत्र बुलाने की लगाई गुहार
बीते कुछ महीनों में तालिबान के खूनी हमलों में 3000 लोग मारे गए हैं। तीन लाख लोग विस्थापित होने के मजबूर हुए हैं।
अफगानिस्तान में हो रही दरिंदगी से अफगानिस्तान सरकार भी परेशान है। आखिर में तंग आकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अध्यक्ष का दरवाजा खटखटाया है। सुरक्षा हालात पर अफगानिस्तान ने भारत से आपात सत्र बुलाने का आग्रह किया है। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री हनीफ आत्मर ने भारतीय विदेश मंत्री को फोन कर यूएन और अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से अधिक सक्रिय भूमिका अदा करने की अपील की है।
विदेश मंत्री ने कहा कि तालिबानी आतंक के कारण अफगानिस्तान में नजर आ रही त्रासदी को रोकने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र और दुनिया के देशों से अधिक व्यापक रोल निभाने को कहा। साथ ही काबुल में विभिन्न देशों के राजदूतों और उनके अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों को विशेष ब्रीफिंग भी दी। मौजूदा हालात के चलते अफगानिस्तान में 1.8 करोड़ लोग गंभीर मानवीय संकट से गुजर रहे हैं। बीते कुछ महीनों में तालिबान के खूनी हमलों में 3000 लोग मारे गए हैं। तीन लाख लोग विस्थापित होने के मजबूर हुए हैं।
खबरों के मुताबिक, अफगानिस्तान ने छह बिंदुओं पर अपनी चिंताएं व्यक्त की है। इनमें सुरक्षा हालात, तालिबान के साथ विदेशी लड़ाकों की मौजूदगी, गंभीर मानवीय हालात, सुरक्षा स्थिति सुधारने के लिए सरकार की योजना और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ तालमेल के प्रयास शामिल था। बता दें कि भारत के राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने साफ किया था कि अफगानिस्तान के चिंताजन मौजूदा हालात पर बराबर नजर रखी जा रही है।
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