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अमेरिका पर भड़के अफगानिस्तान के राष्ट्रपति, तालिबान को शांति में दिलचस्पी नहीं

अशरफ गनी ने कहा कि अमेरिकी सैनिकों की वापसी के चलते देश में लगातार हिंसा बढ़ रही है। उनकी सरकार अब सूबों की राजधानी और शहरी इलाकों की रक्षा करने का काम करेगी।

अफगानिस्तान में तालिबान की बढ़ती हिंसा की वजह से अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के सब्र का बांध टूट गया है। उन्होंने अमेरिका को काफी खरी खोटी सुना दी है। अशरफ गनी ने इस हिंसा के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है। ये पहली बार है जब अफगानिस्तान में हो रही हिंसा पर गनी ने अमेरिका को बातें सुनाई है।

अशरफ गनी ने कहा कि अमेरिकी सैनिकों की वापसी के चलते देश में लगातार हिंसा बढ़ रही है। उनकी सरकार अब सूबों की राजधानी और शहरी इलाकों की रक्षा करने का काम करेगी। अफगानिस्तान के नेताओं से कहा कि वे तालिबान से जंग में जुटी सेना का समर्थन करें। अशरफ गनी ने संसद में अपने संबोधन में कहा कि एक आयातित और जल्दीबाजी की शांति प्रक्रिया के चलते संदेह पैदा हुआ है। अमेरिका की ओर से काबुल तालिबान के बीच बातचीत का दबाव डाला गया, जो न सिर्फ असफल रहा है बल्कि उससे मुश्किलें बढ़ी हैं।

तालिबान की शांति प्रक्रिया को बहाल रखने में कोई दिलचस्पी नहीं है। अगले 6 महीनों में हमारे प्रयासों के चलते स्थिति में सुधार देखने को मिल सकता है। गनी का दावा है कि अफगान सेना उपद्रवियों को रोकने में सक्षम हैं। वहीं अफगानिस्तानी सेना के प्रवक्ता जनरल अजमल उमर शिनवारी ने कहा कि दक्षिणी और पश्चिमी अफगानिस्तान के तीन सूबों में सुरक्षा की स्थितियां काफी कठिन हैं। दक्षिणी कंधार, हेलमांड और हेरात में बीते कुछ तालिबान के हमलों में भी इजाफा हुआ है।

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