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सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए भड़काने और अशांति फैलाने के आरोप में चंद्रबाबू नायडू और उनके बेटे के खिलाफ मुकदमा हुआ दर्ज
आंध्र प्रदेश में कल्याणदुर्ग पुलिस ने विपक्षी नेता चंद्रबाबू नायडू और उनके बेटे लोकेश के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (34 के साथ पढ़ें) के तहत मामला दर्ज किया है।
नायडू और लोकेश ने ट्वीट किया था और उस कथित घटना की निंदा की थी जिसमें एक दलित परिवार ने दावा किया था कि उनके बच्चे की मौत नव नियुक्त महिला एवं बाल कल्याण मंत्री केवी उषा श्रीचरण के स्वागत रैली के दौरान पुलिस द्वारा लगाए गए वाहनों के प्रतिबंध के कारण हुई थी।
हालांकि जिला पुलिस अधीक्षक फकीरप्पा ने आरोपों का खंडन करते हुए सीसीटीवी फुटेज जारी किए और कहा, “वे बिना रुके अस्पताल पहुंचे थे।” फक्कीरप्पा ने एक वीडियो के साथ एक ट्वीट भी जारी किया, जिसमें दिखाया गया कि बाइक पर सवार दंपति को पुलिस बैरिकेड्स पार करने की अनुमति दी गई थी।
प्राथमिकी पर प्रतिक्रिया देते हुए लोकेश ने सरकार को फटकार लगाई और आरोप लगाया कि इससे पहले लोगों की ओर से बोलने के लिए ऐसे 12 झूठे मामले दर्ज किए गए थे। तेदेपा ने दावा किया कि पिछले तीन वर्षों में लोकेश के खिलाफ 11 मनगढ़ंत मामले दर्ज किए गए, जिसमें हत्या के प्रयास का मामला भी शामिल है।
नारा लोकेश ने कहा कि उनकी पार्टी शासन द्वारा दायर किए जा रहे निराधार मामलों से नहीं डरेगी और उन्होंने घोषणा की कि वे लड़ाई जारी रखेंगे।