India - World

भारत के पहले प्राइवेट ‘Vikram-S’ रॉकेट की हुई लॉन्चिंग, आज से नई युग की हुई शुरुआत …

नई दिल्‍ली: देश के पहले प्राइवेट रॉकेट विक्रम-एस ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से उड़ान भरी। अंतरिक्ष स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पस की तरफ से विकसित इस रॉकेट को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने लॉन्च किया है। इस रॉकेट को पहले 15 नवंबर को लॉन्च किया जाना था, लेकिन खराब मौसम की वजह से इसे आज प्रक्षेपित किया गया।

स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस कंपनी का कहना है कि इस रॉकेट से सैटेलाइट लॉन्चिंग कैब बुक करने जितनी आसान हो जाएगी। ये रॉकेट आवाज की गति से पांच गुना अधिक स्पीड से अंतरिक्ष की ओर गया। 81.5 किलोमीटर की ऊंचाई पर तीन पेलोड सफलता से इजेक्ट किए। 89.5 किलोमीटर की अधिकतम ऊंचाई हासिल की और फिर समुद्र में स्प्लैश डाउन हो गया।

भारत के स्‍टार्टअप इकोसिस्‍टम के लिए यह महत्‍वपूर्ण

INSPACe के अध्यक्ष पवन कुमार गोयनका ने कहा कि यह देश के प्राइवेट क्षेत्र के लिए नई शुरुआत है, जो अंतरिक्ष के क्षेत्र में कदम रखने जा रहे हैं और एक ऐतिहासिक क्षण है। वहीं, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह देश के स्पेस इकोसिस्टम को विकसित करने के लिए एक बड़ा कदम है और विश्व समूह के समुदाय में एक सीमावर्ती राष्ट्र के रूप में भी उभर रहा है। यह भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए भी एक महत्वपूर्ण मोड़ है।

विक्रम-एस की खासियत

पीक वेलोसिटी- मैक 5 (हाइपरसोनिक)

पेलोड क्षमता- 83 किलो को 100 किमी ऊंचाई पर ले जाने की

विक्रम-S रॉकेट की 80 फीसदी टेक्नोलॉजी वही है, जो विक्रम सीरीज के भविष्य में लॉन्च होने वाले रॉकेट में इस्तेमाल होगी

यह कंपोजिट मटेरियल्स के इस्तेमाल से बना है और इसका कोट स्ट्रक्चर कार्बन-फाइबर से बना है

फ्लाइट के दौरान स्पिन स्थिरता के लिए 3D प्रिंटेड इंजन से लैस है

कंपनी का दावा है कि ये इस कैटेगरी में बना दुनिया का सबसे सस्ता रॉकेट है

इस रॉकेट को दो साल में 200 इंजीनियर्स की टीम ने तैयार किया है।

Follow Us
Show More

Related Articles

Back to top button
%d bloggers like this: