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जानें कैसे मुलायम सिंह यादव के ‘राजनीतिक गुरु’ बने थे राम मनोहर लोहिया
मुलायम सिंह यादव(mulayam singh yadav) का राजनीतिक सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा।
मुलायम ने राजनीति के दांव-पेंच उन्होंने 60 के दशक में राममनोहर लोहिया और चरण सिंह से सीखने शुरू किए
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री(cm) और देश के रक्षा मंत्री रहे मुलायम सिंह यादव (cm yadav)का सोमवार को निधन हो गया। धरती पुत्र के नाम से पहचान रखने वाले मुलायम सिंह यादव(mulayam singh yadav) का राजनीतिक सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा।
कहा जाता है कि, राजनीति के दांव-पेंच उन्होंने 60 के दशक में राममनोहर लोहिया(rammanohar lohia) और चरण सिंह से सीखने शुरू किए। लोहिया ही उन्हें राजनीति में लेकर आए। लोहिया की संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी ने उन्हें 1967 में टिकट दिया और वह पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे। उसके बाद वह लगातार प्रदेश के चुनावों में जीतते रहे।
उनकी पहली पार्टी अगर संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी थी तो दूसरी पार्टी बनी चौधरी चरण सिंह के नेतृत्व वाली भारतीय क्रांति दल। जिसमें वह 1968 में शामिल हुए। हालांकि चरण सिंह की पार्टी के साथ जब संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी का विलय हुआ तो भारतीय लोकदल बन गया। ये मुलायम के सियासी पारी की तीसरी पार्टी बनी।