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कानपुर: राज्यपाल ने किया “फेसलेस स्टूडेंट सर्विसेज मॉडयूल” का ऑनलाइन लोकार्पण

छत्रपति शाहू जी महाराज को भारत में एक सच्चे प्रजातंत्रवादी और समाज सुधारक के रूप में जाना जाता है

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने आज यहां राजभवन के प्रज्ञाकक्ष से छत्रपति शाहू जी महाराज, विश्वविद्यालय, कानपुर द्वारा विकसित “फेसलेस स्टूडेंट सर्विसेज मॉडयूल” का ऑनलाइन लोकार्पण किया। छत्रपति शाहू जी महाराज जी के एक सौ उन्चासवें जन्मदिवस पर आयोजित इस लोकार्पण समारोह को ऑनलाइन सम्बोधित करते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि छत्रपति शाहू जी महाराज को भारत में एक सच्चे प्रजातंत्रवादी और समाज सुधारक के रूप में जाना जाता है। वे ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने राजा होते हुए भी दलित और शोषित वर्ग के कष्ट को समझा और सदा उनसे निकटता बनाए रखी। उन्होंने दलित वर्ग के बच्चों को मुफ़्त शिक्षा प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू की और छात्रावास स्थापित किये। उनके शासन के दौरान बाल विवाह पर ईमानदारी से प्रतिबंध लगाया गया। इसके साथ ही शाहू जी महाराज ने महिलाओं के उत्थान एवं उनकी स्थिति को बेहतर बनाने की दिशा में भी कार्य किया।

विश्वविद्यालय में प्रारम्भ हुए फेसलेस डिजिटल स्टूडेंट सर्विस पोर्टल पर विश्वविद्यालय को बधाई देते हुए राज्यपाल जी ने कहा ये सुविधा छात्रों की कठिनाइयों को दूर करने में मील का पत्थर साबित होगी। इसके द्वारा किसी भी छात्र को उसकी निजी जानकारी प्राप्त किये बिना ही उसके सभी प्रमाण पत्र में संशोधन का कार्य होगा और छात्रों को डैशबोर्ड पर ही प्रमाण पत्र की जानकारी स्वतः उपलब्ध हो सकेगी।इस मॉड्यूल के माध्यम से छात्र डिजिटल हस्ताक्षर युक्त अंकतालिका, उपाधिपत्र, अस्थायी प्रमाण पत्र, प्रवजन जैसे महत्वपूर्ण प्रपत्र डाउनलोड कर सकेंगे। अब छात्रों को विश्वविद्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा और घर बैठे ही उन्हें प्रमाण पत्र संबंधी जानकारी उनके डैशबोर्ड पर आसानी से मिलती रहेगी।

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राज्यपाल जी ने इस पोर्टल को विश्वविद्यालय की प्रोजेक्ट मॉनीटरिंग यूनिट द्वारा निर्मित किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम विश्वविद्यालय की गतिविधियों में अपने विद्यार्थियों की भागीदारी बढ़ायें। इससे हमारे विद्यार्थियों की क्षमताओं और आत्मविश्वास में तो वृद्धि होती ही है, विश्वविद्यालय के नैक मूल्यांकन में भी इससे अंको में वृद्धि होती है। विद्यार्थियों की स्वयं संलग्नता किसी भी संस्थान को श्रेष्ठ बनने से नहीं रोक सकती।

अपने सम्बोधन में राज्यपाल जी ने प्रदेश के शिक्षण संस्थानों को अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि हमारे शिक्षण संस्थान भी अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर हों ताकि उत्तर प्रदेश के बच्चों को अपने प्रदेश में ही उत्कृष्ट शिक्षा संस्थान मिल सकें।

 

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