
नई दिल्ली: देश में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर चल रहे जबरदस्त के बीच आज का फैसला कर लिया है। राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी दलों के उम्मीदवार के रूप में शरद पवार, फारूक अब्दुल्ला और महात्मा गांधी के पुत्र गोपाल कृष्ण गांधी के राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से इनकार करने के बाद अब अचानक पार्टी में मिस्टर यू-टर्न कहे जाने वाले यशवंत सिन्हा का नाम चर्चा में आ गया है और उनके नाम पर विपक्षी दलों की सहमति भी है।
यशवंत सिन्हा के नाम की चर्चा तब शुरू हुई जब उन्होंने राष्ट्रीय कार्य के नाम पर ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया यशवंत सिन्हा ने ट्वीट कर सम्मान देने के लिए ममता बनर्जी का आभार व्यक्त किया। यशवंत सिन्हा के सियासी जीवन और केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्यकाल की बात करें तो उनकी इच्छा मिनिस्टर यू टर्न की रही है।
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आपको बता दें कि यशवंत सिन्हा चंद शेखर और अटल बिहारी वाजपेई की नेतृत्व वाली सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा को भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले लेने का श्रेय दिया जाता है इसी के चलते उन्हें मिस्टर यूटर्न कहा जाता है। उन्होंने वित्त मंत्री रहते हुए संसद सत्र का बजट 5:00 बजे पेश होने की जगह है 11:00 बजे कर दिया था। इतना ही नहीं उन्होंने अपनी ही सरकार के कुछ फैसलों को भी बदला था जिसके चलते उन्हें मिस्टर यूटर्न कहा जाता है।
सियासी परिस्थितियों ने फिर करवट ली है जनता पार्टी में टूट पड़ी और कई दल बन गई यशवंत सिन्हा जनता दल में रहे जनता दल ने 1990 में कांग्रेस के समर्थन से चमचे का के नेतृत्व में सरकार बनाई। उस दौर में देश की स्थिति काफी डामाडोल की सियासत में महज 6 साल पुराने चेहरे यशवंत सिन्हा को तक जन शेखर की सरकार में वित्त मंत्री बनाया गया इसके बाद यशवंत सिन्हा बीजेपी में शामिल हो गए और 1996 पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय प्रवक्ता बना दिया।