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मेरी ये यात्रा मेरे मानस पटल पर हमेशा अंकित रहेगी- राष्ट्रपति
राष्ट्रपति कोविंद ने विधानमंडल के दोनों सदनों में महिला सदस्यों की कम संख्या होने पर भी असंतोष जताया
उत्तर प्रदेश के अपने चार दिवसीय दौरे पर आए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अंतिम दिन उत्तर प्रदेश विधानमंडल के दोनों सदनों के संयुक्त सदन को संबोधित किया। इस समय का आयोजन आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष पर किया जा रहा है।
विधानमंडल के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि सदन में जो कुछ भी अमर्यादित हुआ उसे अपवाद स्वरूप भुला देना चाहिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच वैचारिक मतभेद तो हो सकते हैं लेकिन मय नहीं होना चाहिए। राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि विधानमंडल लोकतंत्र का मंदिर है और आप जनता के भाग्य विधाता है क्योंकि जनता की आपसे बहुत सारी उम्मीदें आकांक्षाएं और अपेक्षाएं हैं। राष्ट्रपति कोविंद ने विधानमंडल के दोनों सदनों में महिला सदस्यों की कम संख्या होने पर भी असंतोष जताया उन्होंने कहा कि महिला सदस्यों की संख्या बढ़ाने की संभावनाएं तलाशने पर भी जोड़ दिया जाए।
इतना ही नहीं संबोधन के दौरान उन्होंने अपनी वाराणसी यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्हें बाबा विश्वनाथ के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। नया स्वरूप दिया गया। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने 1916 में काशी की सकरी गलियों और अव्यवस्थाओं को लेकर असंतोष व्यक्त किया था लेकिन इसे प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री ने दूर कर दिया है। उन्होंने कहा कि मुझे आशा है कि उत्तर प्रदेश जल्दी एक ट्रिलियन डॉलर और व्यवस्था बनाने का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लक्ष्य अवश्य सिद्ध करेंगे।
यह दूसरा मौका है जब राष्ट्रपति विधानमंडल के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित कर रहे हैं इससे पहले तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उत्तर प्रदेश विधानमंडल के 125 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित उत्तर सती रजत जयंती समारोह में 8 जनवरी 2013 को दोनों सदनों को संबोधित किया था।