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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीतिक इतिहास में करीब 4 दशक के बाद एक ही पार्टी को विधानमंडल के दोनों सदनों में बहुमत मिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी उच्च सदन यानी विधान परिषद में और मजबूत होगी। विधानसभा चुनाव के बाद विधान परिषद में प्रचंड बहुमत पाने वाली भारतीय जनता पार्टी को जल्द तीन और विधान परिषद सदस्य मिलेंगे। विधान परिषद के तीन और सदस्य मिलने के बाद विधान परिषद में भारतीय जनता पार्टी और मजबूत होगी तो वहीं मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी का कुनबा और कमजोर होगा।
दरअसल विधान परिषद में समाजवादी पार्टी और कमजोर होगी क्योंकि समाजवादी पार्टी के तीन मनोनीत विधान परिषद सदस्य का कार्यकाल आज से समाप्त हो रहा है। माना जा रहा है कि विधान परिषद में मनोनीत कोटे के तीन एमएलसी का कार्यकाल समाप्त होने बाद भारतीय जनता पार्टी की ओर से 3 नए सदस्य मनोनीत करने की संस्तुति होगी।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश विधान परिषद में भारतीय जनता पार्टी स्पष्ट बहुमत पर है अब भाजपा और मजबूत होती जा रही है। इसी मजबूती के दम पर भारतीय जनता पार्टी विधान परिषद में अपने संख्या बल पर कानून पारित करा सकती है और भारतीय जनता पार्टी को अब उत्तर प्रदेश सदन के दोनों मंडलों में किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। उत्तर प्रदेश विधानसभा में सहयोगी दल के साथ 125 सदस्यों वाली समाजवादी पार्टी और विधान परिषद में सिर्फ 14 सदस्य ही रहेंगे। इतना ही नहीं अगले महीने 26 मई को समाजवादी पार्टी के तीन और सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा जिसमें ओबीसी समाज के अंदर डॉक्टर राजपाल कश्यप ,डॉक्टर संजय लाठर और अरविंद कुमार का कार्यकाल समाप्त होगा।
बता दें कि विधान परिषद के सदस्यों में योगी सरकार के तीन मंत्री मनोनीत हो सकते जिसमें जसवंत सैनी जेपीएस राठौर, दानिश नरेंद्र कश्यप और दयाशंकर मिश्र दयालु किसी भी सदन के सदस्य नहीं। माना जा रहा है कि इन तीनों को ही विधान परिषद के लिए मनोनीत किया जाएगा।