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सुप्रीम कोर्ट का फैसला, कहा- एक मुकदमे पर भी लगाया जा सकता है गैंगस्टर एक्ट
सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आरोपी अपील करता ने तर्क दिया था कि 1 प्राथमिक आरोप पत्र
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ यूपी गैंगस्टर एक्ट के खिलाफ दायर याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा आदेश दिया। यूपी गैंगस्टर एक्ट में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि अपराध एक व्यक्ति के द्वारा किया गया हो या गिरोह के द्वारा उसे गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आरोपी अपील करता ने तर्क दिया था कि 1 प्राथमिक आरोप पत्र के आधार पर और वह भी एक हत्या के संबंध में गैंगस्टर या गिरोह का सदस्य नहीं कहा जा सकता है। वहीं दूसरी तरफ इस याचिका का विरोध करते हुए राज सरकार की तरफ से दलील दी गई कि एक भी प्राथमिक आरोप पत्र के मामले में गैंगस्टर अधिनियम की धारा धोबी में उल्लेखित सामाजिक गतिविधियों के संबंध में गैंगस्टर अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के द्वारा सीआरपीसी की धारा 482 के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए गैंगस्टर अधिनियम 1986 की धारा दो बटे तीन के तहत सुनाए गए फैसले को सही बताएं। वही सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि मामले में मुख्य आरोपी पीसी शर्मा एक गिरोह का नेता है और मास्टरमाइंड था और उसने अन्य से आरोपियों के साथ आपराधिक साजिश रची जो याचिकाकर्ता में भी शामिल था।