अमृतसर : जलियांवाला बाग अब पर्यटकों को आकर्षित करते हुए एक खूबसूरत स्मारक में तब्दील
आज अमृतसर में प्रसिद्ध सचखंड श्री हरमंदिर साहिब से मात्र आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक छोटा सा पार्क देश के सबसे खूबसूरत स्मारकों में से एक बन गया है। जो बाहरी गेट से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। थ्रीडी डाक्यूमेंट्री और लाइट एंड साउंड शो के जरिए यह शहीद जवानों को सैलानियों से रूबरू करा रहा है. जब आप पहली नजर में जलियांवाला गार्डन जाते हैं तो आप सोच भी नहीं सकते कि यह वही जगह है जहां दुनिया की सबसे बड़ी अमानवीय घटना हुई है। इसके प्रवेश द्वार के बाईं ओर शहीद उधम सिंह के आकार की एक मूर्ति स्थापित की गई है, जो आने वाले प्रत्येक पर्यटक को देशभक्ति का संदेश देती है।
13 अप्रैल 1919 की घटना के निर्दोष पीड़ितों की याद में 26,000 वर्ग मीटर में फैले जलियांवाला गार्डन में 1961 में एक 45 फुट लंबा लाल पत्थर की लौ के आकार का स्तंभ बनाया गया था। इस बाग में एक अमर ज्योति है, जो निरंतर जलती रहती है। घटना के समय शवों के ढेर से भरा कुआं आज पर्यटकों को इतिहास की एक नई अनुभूति देता है। जिसे शाहिदी विहिर के नाम से जाना जाता है।
जलियांवाला बाग को रोजाना एक लाइट एंड साउंड शो में दिखाया जाता है, जिसमें 3डी वृत्तचित्र इस घटना की रिपोर्ट करते हैं। पंजाब की स्थानीय शैली के अनुसार इसके अंदर विरासत से संबंधित विस्तृत पुनर्निर्माण कार्य किया गया है। इसे नए विकसित मास्टर स्ट्रक्चर के साथ फिर से बनाया गया है। पार्क का केंद्र माने जाने वाले ‘ज्वाला स्मारक’ का जीर्णोद्धार और जीर्णोद्धार किया गया है।