केंद्र के खिलाफ प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित, चंडीगढ़ में केंद्रीय सेवा नियमों का विरोध
पंजाब की भगवंत मान सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में चंडीगढ़ में केंद्रीय सेवा नियमों को लागू करने का विरोध करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। बीजेपी को छोड़कर सभी दलों ने सीएम मान का समर्थन किया और सर्वसम्मति से केंद्र के फैसले के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया। चंडीगढ़ पंजाब को देने का प्रस्ताव है। विधान सभा में बहुमत से प्रस्ताव पारित किया गया।
भगवंत मान ने यह प्रस्ताव पेश करते हुए मांग की कि केंद्र सरकार पंजाब को चंडीगढ़ दे। इस प्रस्ताव पर शिअद विधायक मनप्रीत सिंह अयाली ने राज्य सरकार का समर्थन किया। वहीं कांग्रेस भी राज्य सरकार के पीछे खड़ी रही।
सीएम भगवंत मान ने कहा कि चंडीगढ़ में केंद्रीय सेवा नियम लागू करना पंजाब रिस्ट्रक्चरिंग एक्ट का उल्लंघन है। पंजाब पुनर्निर्माण अधिनियम के तहत चंडीगढ़ को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था। उन्होंने कहा कि केंद्र ने चंडीगढ़ में बाहर से अधिकारियों को तैनात किया है। इससे पहले भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) में भी फेरबदल किया गया था। पहले पंजाब से बोर्ड के पद भरे जा रहे थे। लेकिन इसे रद्द कर दिया गया है, अब इसे पूरे देश में भरा जा सकता है। इसके बाद चंडीगढ़ में केंद्रीय सेवा नियम लागू कर दिए गए हैं। भगवंत मान ने चंडीगढ़ को पंजाब को देने को कहा।