बीरभूमि हिंसा : पश्चिम बंगाल के नादिया में टीएमसी कार्यकर्ता की हत्या
पश्चिम बंगाल में हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। अभी बीरभूमि हिंसा की आग ठड़ी भी नहीं हुई थी कि,एक के बाद एक दो और हत्याओं ने माहौल बिगाड़ दिया है। दरअसल बीती देर रात नादिया में एक टीएमसी नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
टीएमसी स्थानीय कार्य़कर्ता की मौत
पहली घटना में टीएमसी के स्थानीय कार्यकर्ता सहदेव मंडल को नादिया में गोलियों से भून दिया गया। नादिया में सहदेव मंडल बुधवार रात लहूलुहान अवस्था में सड़क पर पड़े मिले। स्थानीयों ने उन्हें बगुला के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। हालत बिगड़ने पर उन्हें कृष्णानगर अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी।
तारकेश्वर में भी महिला पार्षद को रौंदा
जबकि दूसरी घटना में हुगली के तारकेश्वर में तृणमूल कांग्रेस की महिला पार्षद को कार से रौंद दिया गया। तारकेश्वर में महिला पार्षद रूपा सरकार को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। दरअसल पश्चिम बंगाल में पिछले महीने नगर निकायों के चुनाव हुए थे। इसके बाद से लगातार राजनीतिक हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं। बता दें कि, सहदेव की पत्नी अनीमा मंडल बगुला की पंचायत सदस्य है।
बीरभूमि में भड़की थी हिंसा
बीरभूम में भी हिंसा की शुरुआत टीएमसी के एक पंचायत नेता की हत्या से ही हुई थी। यहां रामपुरहाट में भादू शेख की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद 21 मार्च को पूरे जिले में हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में 10 लोगों को जिंदा जला दिया गया था। बीरभूम हिंसा के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। वहां बुधवार को मामले की सुनवाई हुई।
आज दोपहर दो बजे तक मांगी रिपोर्ट
रामपुरहाट हिंसा मामले पर कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश खंडपीठ ने गुरुवार दोपहर 2 बजे तक राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। हाई कोर्ट ने जिला जज की मौजूदगी में सीसीटीवी कैमरे लगाने और घटनास्थल की चौबीसों घंटे निगरानी करने का भी निर्देश दिया है। हाई कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि सीएफएसएल दिल्ली टीम को मौके से तुरंत जांच के लिए साक्ष्य एकत्र करे। साथ ही प्रत्यक्षदर्शियों को जिला न्यायाधीश के परामर्श से डीजी और आईजीपी द्वारा सुरक्षा दी जाए।