India Rise Special

चारा घोटाला मामला : पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव को 5 साल की सजा, 60 लाख लगा जुर्माना

चारा घोटाले से जुड़े डोरंडा कोषागार मामले में दोषी ठहराए गए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और 37 अन्य को केंद्रीय जांच ब्यूरो की एक अदालत ने सोमवार को सजा सुनाई। सीबीआई की विशेष अदालत ने कहा कि दोषी लालू यादव को पांच साल जेल की सजा सुनाई। इसके अलावा उन पर 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।

 

73 वर्षीय नेता के वकील ने कहा है कि वे यह कहते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे कि उन्होंने अपनी सजा का लगभग आधा हिस्सा पूरा कर लिया है। वहीं फैसले के तुरंत बाद लालू प्रसाद यादव के आधिकारिक हैंडल से ट्वीट किया गया कि वह अन्याय के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।

 

पिछले मंगलवार को लालू यादव को 139.5 करोड़ रुपये के डोरंडा कोषागार गबन मामले में दोषी पाया गया था। यह चारा घोटाले में उनके खिलाफ पांचवां और अंतिम मामला था। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री शेष दोषियों में शामिल हैं, जिनकी सजा की अवधि सोमवार को सुनाई गई। पिछले चारा घोटाला मामले में 99 आरोपियों में से 24 को बरी कर दिया गया था, जबकि 46 अन्य को तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।

 

एक अधिकारी ने कहा कि दोषी ठहराए जाने के तुरंत बाद, बीमार राजनेता को रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल में स्थानांतरित कर दिया गया और फिर उन्हें सरकारी राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में भर्ती कराया गया है।  लालू इससे पहले चारा घोटाला के चार अन्य मामलों में 14 साल जेल की सजा काट चुके हैं। अंतिम मामला अविभाजित बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की निकासी से संबंधित था। जब उन्हें फिर से दोषी ठहराया गया तो वह जमानत पर बाहर थे।

 

गैरतलब है कि 22 साल तक चले मुकदमे के दौरान, 55 आरोपियों की मौत हो गई, जबकि आठ सरकारी गवाह बन गए। वहीं छह आरोपी अभी भी फरार हैं। 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले का खुलासा सबसे पहले चाईबासा के उपायुक्त अमित खरे ने किया था। पशुपालन विभाग ने अविभाजित बिहार के विभिन्न जिलों में सरकारी खजाने के कथित तौर पर फर्जी बिल जारी किए थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव के पास वित्त विभाग भी था।

 

राजद सुप्रीमो, जिन्हें 14 साल जेल की सजा सुनाई गई है और कुल 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, सजा के बाद दुमका, देवघर और चाईबासा कोषागार से जुड़े चार अन्य मामलों में जमानत पर हैं। सीबीआई ने जून 1997 में लालू को एक आरोपी के रूप में नामित किया। एजेंसी ने लालू और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के खिलाफ आरोप तय किए, जिनकी 2019 में मृत्यु हो गई। केंद्रीय एजेंसी ने 1996 में घोटाले के सिलसिले में 53 अलग-अलग मामले दर्ज किए थे।

 

 

 

 

Follow Us
Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
%d bloggers like this: