आरक्षण विवाद में हरियाणा सरकार की अनुमति से याचिका पर सुप्रीम कोर्ट करेंगा सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट निजी क्षेत्र में स्थानीय लोगों को 75 फीसदी आरक्षण देने के कानून पर रोक वाले हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ हरियाणा सरकार की विशेष अनुमति याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने सहमति पर किया विचार
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी पूछा कि, क्या संबंधित पक्ष इस बात से सहमत हैं कि, निजी क्षेत्र में निवासियों के आधार पर आरक्षण से संबंधित मामलों पर एक साथ विचार किया जाए? जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने कहा, उसे पता चला है कि इसी तरह के कानून आंध्र प्रदेश और झारखंड में पारित किए गए हैं। उन्हें भी हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।
कोर्ट ने कहा एकट्ठे करें साक्ष्य
साथ ही पीठ ने हरियाणा सरकार के वकील से इससे संबंधित तथ्यों का पता लगाने और विवरण एकत्रित करने का आदेश दिया है। साथ ही कहा कि, अगर मामले अन्य हाईकोर्ट के समक्ष लंबित हैं, तो हम हाईकोर्ट से कागजात मंगवाने के बाद इस पर सुनवाई करेंगे। दरअसल सॉलिसिटर जनरल का कहना था कि, केवल 90 सेकंड की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने आदेश देकर कानून पर रोक लगा दी थी। जबकि केवल गिने-चुने लोग ही इस कानून का विरोध कर रहे हैं। इसके अलावा एक पक्ष के वकील दुष्यंत दवे ने भी कहा कि, इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट को विचार करना चाहिए।
क्या था मामला
दरअसल बीती 3 फरवरी को हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों के रोजगार अधिनियम 2020 को चुनौती देने वाली एक रिट याचिका पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने कानून पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने यह आदेश फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (एफआईए) की रिट याचिका पर दिया था। कोर्ट ने उस याचिका को स्वीकार करते हुए राज्य सरकार को नोटिस भी जारी किया था।