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हरदोई: शाहाबाद विधानसभा सीट पर भाजपा भी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। भाजपा से टिकट की आस लगाए जिले के सबसे पुराने भाजपा नेताओं में से एक अखिलेश पाठक की उम्मीदवारी को जब पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने लगातार दूसरी बार खारिज कर दिया तो अखिलेश पाठक अपने समर्थकों के साथ अब हत्थे से उखड़ गए हैं। वह शाहाबाद विधानसभा में भाजपा को सबक सिखाने की कसम उठाकर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन दाखिल करेंगे। अखिलेश पाठक दो फरवरी को अपना नामांकन कलेक्ट्रेट परिसर में दाखिल करेंगे।
बतातें चले कि निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल करने जा रहे अखिलेश पाठक भाजपा के बुरे दौर में जिले साथी रहे हैं लेकिन, दल बदलुओं को तरजीह मिलने और खुद की बराबर उपेक्षा होते देख आखिरकार इस बार उन्होंने ‘बाहरी भगाओ, क्षत्रिय लाओ’ का नारा देकर चुनावी ताल ठोक दी है। यहां पर यह जानना भी जरूरी हो जाता है कि वर्ष 2017 में भी अखिलेश पाठक ने शाहाबाद सीट पर भाजपा से टिकट की दावेदारी की थी लेकिन, पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने उनकी दावेदारी को खारिज कर दलबदल कर भाजपा में शामिल होने वाली तत्कालीन बसपा की विधायक रजनी तिवारी को टिकट दे दिया था, जोकि चुनाव जीतने में सफल भी साबित हुई।
भाजपा विधायक रजनी तिवारी से होगी टक्कर
वर्ष 2022 में भी अखिलेश पाठक ने शीर्ष नेतृत्व से टिकट की मांग की लेकिन, उन्हें इस बार भी निराशा हाथ लगी और पार्टी ने एक बार फिर वर्तमान भाजपा विधायक रजनी तिवारी पर ही विश्वास जताया और उन्हें अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। भाजपा विधायक रजनी तिवारी को टिकट मिलने से अखिलेश पाठक पर समर्थकों का चुनाव लड़ने का दबाब बढ़ता ही चला गया और अब आखिरकार उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। बता दें कि अखिलेश पाठक भाजपा की उत्तर प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य, जिला उपाध्यक्ष सहित तमाम बड़े पदों पर काम चुके हैं और अब उनके चुनाव लड़ने से भाजपा प्रत्याशी की मुश्किलें बढ़ना तय मानी जा रही है।