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यूपी के विकास के लिए हमने पलायन रोका: डॉ. दिनेश शर्मा

जो बुंदेलखंड पानी के लिए तरसता था अब हर घर नल से सभी को पानी मिल रहा है।

लखनऊ: प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर प्रेस वार्ता में कहा कि आज विपक्ष मुद्दा विहीन है, उनके नेता केवल गलतबयानी कर प्रदेशवासियों को गुमराह करने का ही काम कर रहे हैं।
बीते पांच वर्षों में उत्तर प्रदेश  ने विकास के हर पैमाने पर छलांग लगाई है। भाजपा ने प्रदेश की पहचान ईज आफ डूइंग बिजनेस से बनाई है। शैक्षिक माहौल बदलकर, निवेश लाकर हमने उत्तर प्रदेश की छवि सुधारी है। आज मेधा का पलायन रुका है। इस बार भाजपा अपना ही रिकार्ड तोड़ेगी। सपा, बसपा, कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल मिलकर भी तीन अंकों तक नहीं पहुंचेंगे।
उन्होंने कहा कि पहले उत्तर प्रदेश से मेधा का पलायन होता था। पांच साल में हमने जो शिक्षा में कार्य किया है, उससे अब 14 से ज्यादा देशों के लोग यहां आकर अध्यययन और अध्यापन कर रहे हैं। सुखी मन अध्यापक, तनावमुक्त विद्यार्थी, रोजगारपरक शिक्षा, नकलविहीन परीक्षा चार उद्देश्य हैं। उन्होंने कहा कि अगर 100 मोबाइल देश में बनते हैं तो 70 उत्तर प्रदेश में बनते हैं। एशिया का सबसे बड़ा डाटा सेंटर भी उत्तर प्रदेश में है।
उन्होंने कहा कि पहले नकल और परीक्षा केंद्र आवंटन उद्योग बन गया था। हमने व्यवस्था को आनलाइन किया। एक लाख 94 हजार सीसीटीवी कैमरे लगवाए। परिणाम यह हुआ कि परीक्षा पारदर्शी हुई। कालेजों और विद्यालयों में पढ़ाई के लिए पूरे वर्ष का टाइमटेबल बनाया गया। आजादी के बाद पहली बार पाठ्यक्रम में परिवर्तन कर रोजगारपरक बनाया गया। 
 डॉ शर्मा ने कहा कि कोरोना संक्रमण में आनलाइन शिक्षा और परीक्षा में देश का नेतृत्व किया। आनलाइन लाइब्रेरी बनाई गई। माध्यमिक विद्यालयों में संस्कृत के शिक्षकों की नियुक्ति की गई। प्रथम दस स्थान प्राप्त करने वाले संस्कृत के विद्यार्थियों को एक लाख रुपये और टैबलेट दिया गया। संस्कृत निदेशालय के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो रही है।
साथ ही बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा में डेढ़ लाख शिक्षकों की नियुक्ति पारदर्शी तरीके से हुई है। माध्यमिक विद्यालय में करीब 6000 पदों का सृजन एक साथ हुआ। 250 माध्यमिक विद्यालय, 78 डिग्री कालेज बनाए गए हैं और 12 विश्वविद्यालय के गठन की प्रक्रिया की ओर अग्रसर हैं। संकल्प पत्र में जो वादे किए उससे ज्यादा कार्य किया। वहीं वित्तविहीन शिक्षकों की विसंगतियों को दूर करने की प्रक्रिया में हैं।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से पहली बार डिग्री कालेज के शिक्षकों को शोध कराने का अधिकार दिया। साथ ही महाविद्यालयों में प्रोफेसर पद देने का काम किया। एक लाख 38 हजार बेसिक स्कूलों को आपरेशन कायाकल्प के तहत ठीक किया। 771 कस्तूरबा विद्यालयों का संचालन किया गया। बच्चों को ड्रेस, जूता मोजा और कापी किताब मुफ्त वितरित किया गया।
107 विकास खंडों में बालिका छात्रावास शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को बचे पदों को भी शीघ्र भरा जाएगा। शुल्क नियंत्रण अधिनियम तीन साल से लागू किया गया है। कोरोना को देखते हुए किसी प्रकार की शुल्क वृद्धि नहीं होने दिया। रोजगारपरक पाठ्यक्रम को बढ़ावा दिया।
उन्होंने कहा कि जो बुंदेलखंड पानी के लिए तरसता था अब हर घर नल से सभी को पानी मिल रहा है।

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