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StartUps: मिलिए फेसबुक के Innovation Programme “मारुत ड्रोन” के संस्थापक प्रेम कुमार विस्लवथ से
इनकी कंपनी Nasscom DeepTech Club का हिस्सा है। यह कंपनी फेसबुक के India AI Innovation Accelerator Programme 2019 में तीन फाइनलिस्ट में
हैदराबाद के गाचीबोवली इलाके में प्रेम कुमार विस्लवथ के माता-पिता के आवास के पास एक तालब मच्छरों के लार्वा से भरा हुआ था। प्रेम कुमार ने स्थानीय नगरपालिका को कई बार लिखा, लेकिन कुछ भी नहीं बदला। प्रेम कुमार कहते हैं “जिस बात ने मुझे परेशान किया, वह यह थी कि मच्छर से होने वाली बीमारियों के लगभग 9.7 मिलियन मामले सालाना सामने आते हैं, जिससे 40,297 मौतें होती हैं।”
इसके बाद प्रेम कुमार ने शहर की विशाल झीलों पर मच्छर मारने वाली दवा स्प्रे करने के लिए ड्रोन का उपयोग करने के बारे में सोचा। 2019 में उन्होंने के अपने IIT गुवाहाटी के बैचमेट्स साई कुमार चिंतला और सूरज पेड्डी के साथ हैदराबाद में Marut Drones नाम की एक कंपनी की स्थापना की थी। इनकी कंपनी Nasscom DeepTech Club का हिस्सा है। यह कंपनी फेसबुक के India AI Innovation Accelerator Programme 2019 में तीन फाइनलिस्ट में से एक थी। साथ ही इसने हाल ही में फ्रेशवर्क्स के सह-संस्थापक किरण दरिसी और परशुराम विजयशंकर से सीड फंडिंग जुटाई है।
प्रेम कुमार बताते हैं कि कंपनी का नाम पवन देवता के नाम मारुत पर रखा गया है। जो उड़ने की कला में माहिर थे। मारुत का AI प्लेटफॉर्म जैप मच्छरों के प्रजनन के आधार की पहचान करता है। इसमें सेंसर लगे हैं जो मच्छरों को फंसाते हैं, और बीमारी के आउटब्रेक पर जरूरी अलर्ट जारी करने के लिए लार्वल डेंसिटी को स्टडी करते हैं।
मारुत की तकनीक एक दिन से भी कम समय में 6.7 हेक्टेयर को कवर कर सकती है। इसने अब तक हैदराबाद में 4,730 हेक्टेयर से अधिक झीलों और नालों को कवर किया है। इसने ग्रेटर हैदराबाद में पिछले 14 महीनों में 75,000 एकड़ में एंटी-लार्वा छिड़काव किया है। वे कहते हैं कि उन्होंने लागत में 90% की बचत की है, 77% कम समय लिया है, और मच्छरों के लार्वा को 40% तक कम किया है। साथ ही तेजी से रिफोरेस्टेशन के लिए मारुत के पास एरियल सीडिंग सॉल्यूशन भी है। इसका उपयोग तेलंगाना के वीरानापल्ली जंगल में सीड बॉल बोने के लिए किया गया है।