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हिमाचल प्रदेश में इस वजह से 26 जनवरी तक बंद रहेंगे शैक्षणिक संस्थान

शिमला: कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार ने विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य में मेडिकल, डेंटल और नर्सिंग कॉलेज को छोड़कर सभी शैक्षणिक संस्थान इस महीने की 26 तारीख तक बंद रखने का फैसला लिया है। वहीं, वीकेंड कर्फ्यू पर फैसला रविवार को फैसला लिया जा सकता है।

 

राज्य में कोविड-19 महामारी की स्थिति की समीक्षा के लिए शनिवार को शिमला के उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोविड-19 की जांच, प्रभावी निगरानी सुनिश्चित करें। महामारी की तीसरी लहर के प्रसार को रोकने के लिए क्लस्टर की सख्त निगरानी के निर्देश दिए। सीएम ने संशोधित होम आइसोलेशन दिशा-निर्देशों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने और कोविड टेस्टिंग को बढ़ाने का निर्देश दिए हैं।

 

सख्‍ती से लागू किए जाएंगे ये प्रतिबंध

 

सीएम ठाकुर ने कहा कि चूंकि कोविड के मामलों की संख्या तेज गति से बढ़ रही है, इसलिए राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि लोग कोविड उपयुक्त व्यवहार अपनाएं। उन्‍होंने कहा कि बेड, ऑक्सीजन, पीपीई किट और दवाओं की उपलब्धता के संबंध में तैयारियों की समीक्षा की जाए और राज्य सरकार द्वारा लगाए गए सभी प्रतिबंधों को सख्ती से लागू किया जाए।

 

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा विशेषज्ञ अगले कुछ दिनों और हफ्तों में मामलों की संख्या में तेज वृद्धि की संभावना जता रहे थे, इसलिए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन की व्यवस्था को और प्रभावी बनाया जाए और इसके संशोधित दिशा-निर्देशों को लागू किया जाए। मुख्य सचिव राम सुभग सिंह ने कहा कि राज्य में विभिन्न एसओपी का पालन करने के लिए हितधारकों के साथ निरंतर जुड़ाव महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कोविड मरीजों की ट्रेसिंग और ट्रैकिंग पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए।

 

पर्यटकों पर नजर रखने के आदेश

 

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जिला प्रशासन को कोविड-19 के नियमों का पालन नहीं करने वाले पर्यटकों पर नजर रखने और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने पर्यटकों से राज्य सरकार की ओर से समय-समय पर जारी एसओपी का सख्ती से पालन करने का भी आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर उपलब्ध करवाए जाएं, ताकि होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों की नियमित रूप से निगरानी की जा सके।

 

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