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लखनऊ: छात्र-छात्राओं को पढ़ाया गया यौन उत्पीड़न अधिनियम और साइबर जागरूकता का पाठ

लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय, विधिक सहायता केंद्र व जिला विधिक प्राधिकरण के संयुक्त तत्वाधान में सेंट थॉमस मिशन स्कूल जानकीपुरम में कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम,प्रतिषेध,प्रतितोष) अधिनियम 2013 व उससे संबंधित साइबर जागरूकता के विषय में कार्यशाला का आयोजन किया गया। विधि संकाय के अधिष्ठाता प्रोफेसर सी.पी.सिंह एवं विधिक सहायता केंद्र के चेयरपर्सन डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में इसका आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलगीत गायन व सेंट थॉमस मिशन स्कूल की प्रार्थना के माध्यम से किया गया।

कार्यशाला के प्रारंभ में सर्वप्रथम रिचा गुप्ता ने उपस्थित छात्र छात्राओं को विधिक सहायता केंद्र के बारे में जानकारी प्रदान की तथा यौन उत्पीड़न अधीनियम 2013 की प्रस्तावना का संक्षिप्त विवरण छात्र छात्राओं के सन्मुख प्रस्तुत किया और यह भी बताया कि विधिक सहायता केंद्र किस प्रकार से निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान कराता है।

यौन उत्पीड़न के प्रकारों का किया गया उल्लेख

रिचा गुप्ता ने अधिनियम के मुख्य बिंदु भंवरी देवी प्रकरण की विस्तृत जानकारी को बताया और फिर विशाखा बनाम राजस्थान राज्य 1997 केस का भी उल्लेख किया और बहुत ही सरल शब्दों में उस केस का संछिप्त विवरण प्रदान किया और यह भी बताया कि किस प्रकार से केस सम्बन्धित अधिनियम  2013 में लागू किया गया। इतने लंबे समय में पीड़िता को न्याय पाने के लिए कितना संघर्ष करना पड़ा। इसके उपरान्त भूमिका वर्मा ने कार्यस्थल के प्रकार व यौन उत्पीड़न के प्रकारों का उल्लेख किया।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन में हुआ कार्यक्रम

भूमिका ने अधिनियम के अंतर्गत सम्मिलित आंतरिक शिकायत समिति व स्थानीय शिकायत समिति का विस्तृत वर्णन किया ताकि कार्यस्थल पर महिलाओं के प्रति होने वाले यौन उत्पीड़न  से  न्याय मिल सके तथा यह भी बताया कि यदि किसी कार्यस्थल पर आंतरिक शिकायत समिति के गठन न होने पर 50 हजार के जुर्माने का प्रावधान है। इसके तहत विधिक सहायता केंद्र द्वारा सेंट थॉमस मिशन स्कूल में आंतरिक शिकायत समिति का गठन कराया गया। भूमिका वर्मा ने इन दोनों संस्थाओं की कार्यशैली व गठन प्रक्रिया के बारे में भी विद्यार्थियों को अवगत कराया। उसके उपरांत सुमित सिंह ने महिलाओं के प्रति यौन उत्पीड़न के संबंध में साइबर जागरूकता का विस्तृत वर्णन किया।

कार्यशाला के अंत में विद्यार्थियों के मन में उत्पन्न संदेह को विधिक सहायता केंद्र के वरिष्ठ सदस्य पुनीत देशवाल द्वारा सुव्यवस्थित रूप से उनका उत्तर देकर दूर किया। अंत में पुनीत देशवाल ने संविधान की उद्देशिका के माध्यम से संविधान के प्रति गरिमा को  बनाए रखने के लिए उपस्थित विद्यार्थियों को शपथ दिलाई व राष्ट्रीय गीत का गायन कराया। समस्त कार्यक्रम जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशन में संपन्न कराया गया।

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