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प्रदूषण को लेकर सामने आई लापरवाही , केंद्र सरकार के पैसे देने के बाद भी नहीं सुधरे हालात
पर्यावरण मंत्रालय के एनसीएपी की राष्ट्रीय सर्वोच्च समिति की ओर से आंकड़े जारी किए गए हैं। जारी आंकड़ों के मुताबिक, सरकार के धन देने के बावजूद कोई भी राज्य सरकारें उसका उपयोग नहीं कर सकी हैं। जिसके चलते प्रदूषण में कमी नहीं आयी है।
जारी रिपोर्ट के मुताबिक, 2018-19 से 2020-21 तक 114 शहरों को राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत कुल 375.44 करोड़ रुपये दिए गए। और 2021-22 के लिए 82 शहरों को 290 करोड़ आवंटित किए गए, लेकिन इस दौरान राज्य सरकारें प्रदूषण पर लगाम लगाने में पीछे रह गई। केंद्र सरकार प्रदूषण रोकने के लिए सभी राज्यों को वर्ष 2021-26 के बीच 700 करोड़ रुपये और जारी करेगा।
बीते नवबंर महीने में राजधानी दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई थी। शीर्ष कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को जमकर फटकार लगाते हुए जवाब मांगा था कि, दोनों सरकारें उन उद्योगों, पावर प्लांट्स की जानकारी दें, जिन्हें वायु प्रदूषण रोकने के मकसद से कुछ समय के लिए बंद किया जा सकता है। कोर्ट ने वाहनों की आवाजाही रोकने पर भी विचार करने के लिए भी कहा था।