
बलरामपुर: किसानों को सरयू नहर परियोजना की सौगात देंगें पीएम मोदी
पांच नदियों को आपस में जोड़ा गया है इससे तराई और पूर्वांचल के 9 जिलों के किसानों को बड़ा फायदा
बलरामपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर उत्तर प्रदेश के दौरे पर आज बलरामपुर होंगे। प्रदेश में पिछले 43 सालों से लंबित पड़ी सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना को आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उद्घाटन का है इसे पूर्वांचल की जनता को सौंपेंगे। आपको बता दें कि इस परियोजना में पांच नदियों को आपस में जोड़ा गया है इससे तराई और पूर्वांचल के 9 जिलों के किसानों को बड़ा फायदा होगा वह किसानों की उम्मीद जगी है कि इन जिलों के किसानों की फसल पानी के अभाव में नहीं सूखे गी और जिस नदी में पानी कम होगा उसे दूसरे नदी के पानी से भर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि इस सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के अंतर्गत मास नदियों को जोड़ा गया है जिसके तहत घाघरा सरयू राप्ती बाढ़ गंगा और रोहिणी को जोड़ा गया है। इस राष्ट्रीय परियोजना को बनाने में 98100 करो रुपए का खर्च हुआ है वहीं बड़ी नदी के पानी को छोटी नदियों में पानी पहुंचाने के लिए बैराज बनाए गए हैं इनसे पांच लहरें भी निकाली गई हैं इन नहरों से बहराइच श्रावस्ती गोंडा बलरामपुर बस्ती सिद्धार्थनगर संत कबीर नगर महाराजगंज गोरखपुर के 29 लाख किसानों को सिंचाई पहले से बेहतर मिल सकेगी।
गौरतलब है कि सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना की न्यू 1978 में पड़ी थी। से पहले लिफ्ट बैंक घाघरा कैनाल का नाम दिया गया था इसको गोंडा और बहराइच जिलों के लिए तैयार किया जाना था लेकिन 1982 में इसमें 7 और जिले जोड़ दिए गए तब से लेकर आज तक इसके काम में सुस्ती दिखी। जमीन अधिग्रहण ,पैसे की कमी, दूसरे विभागों की एनओसी कैसे हो जनों के मम्मी लटका रहा लेकिन योगी सरकार आने के बाद इस परियोजना ने रफ्तार पकड़ी लगातार सिंचाई विभाग के एक वरिष्ठ अफसर इस नहर की समीक्षा करते हैं इसी के चलते इस परियोजना में आने वाली सभी रुकावटें दूर होती गई और समय पर उन्हें पैसा मिलता गया जिसके चलते यह परियोजना साडे 4 साल में कंप्लीट हो गई।
दरअसल कहा जा रहा है कि अब पूर्वांचल में कम से कम तराई और पूर्वांचल के 9 जिलों के किसानों की खेती पानी की कमी के कारण नहीं सूखेगी। कहा जा रहा है कि जिस नदी में पानी कम होगा वही उस नदी को दूसरे नदी से भर दिया जाएगा इससे किसानों के खेतों में आसानी से पानी पहुंच सके। इस परियोजना से सिर्फ खरीफ नहीं बल्कि रवि की फसल के समय में भी पानी की कमी नहीं होगी मानसून के फेल होने की सूरत में भी सिंचाई का भरपूर इंतजाम होगा।