
संयुक्त किसान मोर्चा का ऐलान, मांगे नहीं मानने तक जारी रहेगा किसान आंदोलन
केंद्रीय मंत्रिमंडल कानूनों की वापसी की मंजूरी पर विचार करेगा
नई दिल्ली: किसान मोर्चा के द्वारा आज ही बैठक में फैसला लिया गया कि किसानों का आंदोलन अभी जारी रहेगा। भारतीय किसान यूनियन राज्यपाल के अध्यक्ष बलवीर सिंह राज्यपाल जितेंद्र सिंह विर्क ने बताया कि 22 नवंबर को लखनऊ में महापंचायत बुलाई गई है किसान आंदोलन के 1 वर्ष पूरे होने पर भारी संख्या में किसान आंदोलन स्तर आ रहे हैं जहां जश्न मनाया जाएगा। इसके बाद 27 नवंबर को अगले कदम के बारे में विचार विमर्श किया जाएगा।
राज्यपाल ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के ऐलान के बाद अभी तक सरकार की तरफ से बातचीत की अपील नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का एलान अभी स्वागत के लायक नहीं है अभिषेक कानूनों को रद्द करने का ऐलान हुआ है ना कि कानून रद्द हुए हैं जब तक कानून रद्द नहीं हो जाते तब तक आंदोलन जारी रहेगा जब तक एमएसपी गारंटी बिल नहीं लाया जाता और किसानों की दूसरी मांगे नहीं मानी जाती है तब तक इसका स्वागत नहीं किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल कानूनों की वापसी की मंजूरी पर विचार करेगा
बता दें कि 24 नवंबर को तीनों के इस कानूनों को वापस लेने की मंजूरी पर मोदी कैबिनेट विचार करेगी। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक कानूनों को वापस लेने वाले बिल संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किए जाएंगे जो इस महीने के अंत में शुरू होने वाला है। प्रधानमंत्री मोदी ने ऐलान किया था कि इस महीने के अंत में शुरू होने वाले शीतकालीन संसद शास्त्र में इन कानूनों को रद्द किया जाएगा और न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए नए ढांचे पर काम करने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा।
कल लखनऊ में महापंचायत
सोमवार को लखनऊ में किसान महापंचायत होने जा रही है। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा इस बात पर अड़ा है कि पहले तीनों कानूनों को संसद में रद्द किया जाए इसके बाद एमएसपी गारंटी बिल लाया जाए बिजली संशोधन बिल लाया जाए किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं। किसान मोर्चा की बैठक में फैसला लिया गया कि सभी मांगे लखनऊ में होने वाली महापंचायत में की जाएंगी।