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ग्रीन पटाखों से आएंगी प्रदूषण में 50 प्रतिशत तक कमी, जानिए किस तरह से करता है काम?

दिल्ली। विशेषज्ञों की माने तो बढ़ते प्रदूषण के वक्त में पारंपरिक पटाखों की अपेक्षा ग्रीन पटाखे प्रदूषित धुआं और गैस कम निकालते है। जिसके चलते प्रदूषण में 40 से 50 % तक कम प्रदूषण करता है। साथ इसके उल्टे सांस को तकलीफ देने वाला अरोमा से आतिशबाजी खुशबूदार भी बन जाता है।

 

ग्रीन पटाखे पारंपरिक पटाखों की अपेक्षा आकार में छोटे होते है। इनमें एल्युमिनियम , बेरियम पोटेशियम नाइट्रेट और कार्बन का प्रयोग नहीं किया जाता है ।। वही ग्रीन पटाखे देंखने में , जलने में और आवाज में  पारंपरिक पटाखों जैसे ही होते है। पर इन में नाइट्रोजन और सल्फर जैसी गैस ज्यादा मात्रा में नहीं होती है।

नीरी की खोज है ग्रीन पटाखे 

ग्रीन पटाखे की खोज भारत की राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी) की है । नीरी वैज्ञानिक औद्योगिक अनुसंधान परिषद एक सरकारी संस्था है। संस्था के अनुसार , ग्रीन पटाखे के प्रयोग से  50 %  तक कम हानिकारक गैसें निकलती हैं।

 

 

 

 

 

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