
सीएम योगी का फैसला, महामारी एक्ट में दर्ज हुए केस होंगें वापस
महामारी एक्ट में दर्ज हुए थे केस
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आम आदमियों को बड़ी राहत देते हुए एक बड़ा फैसला लिया है |बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कोरोना महामारी के दौरान कोविड-19 प्रोटोकाल और लॉकडाउन के उल्लंघन में मैं दर्द सभी मुकदमे वापस करने का फैसला किया है।गौरतलब है कि आज मैं बिहार के तरफ से इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया गया है। हालांकि वर्तमान यह पूर्व सांसद, विधायक, विधान परिषद सदस्य, इस दायरे से बाहर रखे गए हैं। इन के मामले में हाई कोर्ट की अनुमति के बाद ही फैसला लिया जाएगा।
कानून मंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि योगी सरकार के इस निर्णय से आम आदमियों को अनावश्यक अदालती कार्रवाई से राहत मिलेगी। आम आदमी पर इन मुकदमों को वापस लेने और रद्द करने के लिए सभी जिलाधिकारियों को लिखित आदेश दे दिए गए हैं इसके बाद मुकदमे वापस की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
2 साल की सजा का है प्रावधान
आपको बता दें कि सरकार को या कार्रवाई 3 महीने में पूरी कर इलाहाबाद हाईकोर्ट को देनी है। यदि इस तरह के मुकदमे वापस नहीं लिए जाएंगे तो संबंधित व्यक्ति को अधिकतम 2 साल की सजा वाह साथ में जुर्माना भी लगाने का प्रावधान है।
महामारी एक्ट में दर्ज हुए थे केस
विभाग के प्रमुख सचिव प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इसके लिए विस्तृत दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 महामारी अधिनियम 1997 आईपीसी की धारा 188 आदमी प्रदेश भर में 300000 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं जिनके आरोपपत्र दाखिल हो चुका है। अब सरकार इन्हें वापस लेने की कार्यवाही शुरू करेगी।