बिहार के बाद झारखंड मे दिख रहा सियासी बवाल, एक दुसरे को औकात दिखा रहे राजनेता
झारखंड सरकार के मंत्री और कांग्रेस नेता रामेश्वर ओरान के बयान ने राजनीतिक उथल-पुथल को और बढ़ा दिया है। उरांव ने सोमवार को एक कार्यक्रम में कहा था कि झारखंड में राजद का कोई आधार नहीं है। तो, राजद झारखंड सरकार में सहयोगी है। इस बयान के बाद राजद ने भी खुलकर चुनौती दी और कहा कि अगर उन्हें पार्टी का हाल देखना है तो इस्तीफा दें और दोबारा चुनाव लड़ें। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सत्तारूढ़ दल के नेताओं का कहना है कि भाजपा दरार से ध्यान हटाने के लिए सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश कर रही है।
राजद का नही है कोई जनाधार
दरअसल, 18 अक्टूबर को मनिका में एक कार्यक्रम के दौरान झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने राजद को बिहार की इकलौती पार्टी बताते हुए कहा था कि यहां उसका कोई जनाधार नहीं है। उन्होंने कांग्रेस सचिव तारिक अनवर की मौजूदगी में यह बयान दिया। बिहार में उपचुनाव हैं और कांग्रेस और राजद के बीच तनातनी है और अब इसका असर झारखंड में भी देखने को मिल रहा है।
राजद ने दी कांग्रेस को खुली चुनौती
रामेश्वर उरांव के इस बयान के बाद राजद ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा भी खोल दिया है। राजद के प्रदेश अध्यक्ष अभय सिंह ने कहा कि कांग्रेस को 2024 में पता चल जाएगा। अगर झारखंड में कांग्रेस बची है तो वह गठबंधन की वजह से है। कांग्रेस में हिम्मत है तो अपने दम पर चुनाव लड़ो।
ध्यान भटकाने की साजिश
हालांकि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने भी इस मुद्दे पर काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि रामेश्वर उरांव का राजद को आहत करने का कोई इरादा नहीं था। उन्होंने कहा कि इस तरह के संघर्ष सरकार के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करते हैं।
दूसरी ओर, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सत्ताधारी दलों के बीच विवाद है। सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है। ऐसे में लोगों का ध्यान भटकाने के लिए वे अक्सर कहते हैं कि सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश की जा रही है।