आपातकाल में ट्रैकरों को बचाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने निकाला ये उपाय
उत्तराखंड । आपातकाल की स्थिति में ट्रैकरों की तलाश और बचाव के लिए उत्तराखंड सरकार ने एक बेहतरीन तरीका इज़ाद किया है। जिसकी मदद से आसानी से उन्हें ढूंढा और बचाया जा सकेगा। इसी सम्बंध में उपाय खोजते हुए उत्तराखंड सरकार ने ट्रैकरों और पर्वतारोहीयों की लोकेशन मोनिटरिंग करने वाले रिस्क बैंड योजना की शुरुआत की है।
इस तरह बैंड्स बताएंगे ट्रैकरों की लोकेशन
अचानक से बिगड़े मौसम के शिकार हो जाने पर लापता हुए ट्रैकरों की तलाश में ये बैंड्स बहुत मददगार साबित होने वाले है। क्योंकि सेटेलाइट से जुड़ी यह डिवाइस सरकार को ट्रैकरों की लोकेशन की जानकारी देंगी। बीते बृहस्पतिवार को पर्यटन विभाग की बैठक के दौरान मुख्य सचिव एसएस संधू ने इस सम्बंध में अफसरों को ये दिशा निर्देश दिए है।
खराब मौसम की वजह से चार नेवी जवानों ने गंवाई जान
हर साल ही अचानक से खराब हुए मौसम की वजह कितने ही ट्रैकर और पर्वतारोही अपनी जान खो चुके है। इसी महीने में भारतीय नेवी के चार जवानों के शव बचाव दल ने बरामद किए थे। जो बर्फबारी की वजह से चमोली जिले के त्रिशूल चोटी लापता हो गए थे। इससे पहले भी 24 सितंबर को भारतीय सेना पर्वतारोही दल को 2005 में लापता हुए एक पर्वतारोही का शव मिला था।
बैठक के दौरान संधू ने कहीं ये बाते
ऑफ सीज़न पर्यटन की संभावनाओं पर फोकस पर्यटन विभाग की बैठक में संधू ने अधिकारियों से चार धाम यात्रा के समापन के बाद ऑफ सीज़न पर्यटन की संभावनाएं तलाशने को कहा है। जहां पर्यटन की संभावनाएं हैं, लेकिन कनेक्टिविटी न होने के कारण पर्यटन की दृष्टि से पिछड़े ऐसे इलाकों पर फोकस करने की बात उन्होंने कही. यही नहीं, पर्यटन की संभावनाओं वाले इलाकों में रिसॉर्ट जैसी सुविधाएं विकसित करने की बात भी संधू ने कही है।