हृदय स्वास्थ्य, जिसे कई लोग नज़रअंदाज़ कर देते हैं, अक्सर इसके बारे में सोचते हुए वृद्ध लोगो की तस्वीर ही सामने आ जाती हैं। मगर अब हृदय रोग कम उम्र के लोगो पर भी हावी है। दुर्भाग्य से, अध्ययनों से पता चलता है कि पश्चिमी समकक्षों की तुलना में, भारतीयों को ज़्यादा हृदय रोग का खतरा होता है।
इसका मतलब है कि, 30 वर्ष से कम उम्र के लोगो में हृदय रोगों (CVD) का प्रचलन बढ़ रहा है। भारत पहले से ही दुनिया भर में हृदय रोगों के कारण होने वाली मौतों का वन-फिफ्थ स्तर पर आता है। और यह 235 के वैश्विक औसत की तुलना में प्रति 1,00,000 जनसंख्या पर 272 की आयु-मानकीकृत मृत्यु दर के साथ युवा आबादी में भी परिलक्षित होता है।
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हृदय रोग विरासत में मिले जींस के संयोजन
युवा भारतीयों में हृदय रोग का यह बढ़ता जोखिम विरासत में मिले जींस के संयोजन के साथ-साथ पर्यावरणीय कारकों का भी कारण है। लंबे समय तक काम करना और कम नींद होना इसकी बड़ी वजह है। आधुनिक कार्य व्यवस्था में बहुत अधिक बैठना और व्यायाम न करना शामिल है। यह हमारे हृदय स्वास्थ्य को लगभग दोगुना हानि पंहुचा सकता है।
‘सफोलालाइफ’ द्वारा 2019 में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि शीर्ष शहरों में 30 से 40 वर्ष की आयु के 58 प्रतिशत लोग, जो नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते हैं, उन्हें हृदय रोग का अधिक खतरा होता है।
अस्वास्थ्यकर भोजन के लिए ऑर्डर देना आसान
युवा लोगो में, हम अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में भोजन के महत्व के बारे में बढ़ती जागरूकता देखते हैं। लेकिन वास्तविकता यह भी है कि एक लंबे और थका देने वाले दिन के बाद, अस्वास्थ्यकर भोजन के लिए ऑर्डर देना आसान हो गया है। कम व्यायाम और बार-बार जंक फूड खाने से पेट की चर्बी बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है, जो हृदय रोग के लिए एक और प्रमुख जोखिम कारण है।
किन्तु अच्छी खबर यह है कि अपने दिल की देखभाल करना अब मुश्किल नहीं है। अपने आहार और जीवन शैली में साधारण परिवर्तन करने से वास्तव में फर्क पड़ सकता है।
आप हर साल रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल, रक्त शर्करा और सामान्य स्वास्थ्य का चेक उप करवाएं। इससे आपको पहले लक्षणों के बारे में पता चल सकता है और तुरंत सुधारात्मक कार्रवाई की जा सकती है।