
भविनाबेन के पैतृक गांव में जश्न का माहौल, लोगो ने किया गरबा और लगाया गुलाल
रविवार को टोक्यो में एकल वर्ग 4 का फाइनल में महिलाओं के पैरालंपिक खेलों में ऐतिहासिक रजत पदक जीतने के तुरंत बाद भविनाबेन पटेल के परिवार में जश्न का माहौल है। घर के सदस्यों और दोस्तों ने गुजरात के मेहसाणा जिले के अपने पैतृक गांव सुंधिया में पारंपरिक “गरबा” नृत्य किया, पटाखे फोड़े और एक-दूसरे को ‘गुलाल’ लगाया।
पटेल रविवार को पैरालिंपिक में पदक जीतने वाली केवल दूसरी भारतीय महिला बन गईं। महिला एकल टेबल टेनिस वर्ग 4 के फाइनल में दुनिया की नंबर एक चीनी पैडलर यिंग झोउ से 0-3 की हार के बाद ऐतिहासिक रजत पदक जीता।
वह लोगो के लिए ‘दिव्यांग’ हो सकती है, लेकिन हमारे लिए वह हमेशा से ‘दिव्य’ है। हमें बहुत खुशी है कि वह हमारे देश के लिए रजत पदक लाई है। जीत के बाद उनके पिता हसमुख पटेल ने संवाददाताओं से कहा।
पटेल गांव में किराने की छोटी सी दुकान चलाते हैं। पटेल के पैतृक गांव के लोगों ने टोक्यो से उनका मैच लाइव देखने के लिए एक बड़ी स्क्रीन लगाई थी। खेल शुरू होते ही वे आज सुबह स्क्रीन के सामने इकट्ठा होने लगे।
भविनाबेन पटेल के एक रिश्तेदार ने कहा , ” आप देख सकते हैं, उनके रजत पदक जीतने के बाद से हम आज सुबह से गरबा कर रहे है। उनके भव्य स्वागत की पूरी जोर शोर से तैयारी कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि वे उसकी उपलब्धि पर बहुत खुश हैं और उसकी जीत पर गर्व महसूस कर रहे हैं।
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