
यूपी के लगभग सवा एक लाख वाहन आएंगे स्क्रैपिंग पॉलिसी के दायरे में, जाने क्या हैं ये पॉलिसी
यूपी में लगभग तीन करोड़ वाहन हैं। जिनमें से 20 लाख से ज्यादा वाहन स्क्रैप पॉलिसी के अंडर आएंगे। आने वाले समय में इन वाहनों को स्क्रैप नीति के अंडर सरेंडर करना पड़ेगा।
लखनऊ : केंद्र सरकार द्वारा लाई गई स्क्रैप पॉलिसी के दायरे में 20 वर्ष पुराने निजी वाहन तथा 15 साल पुराने व्यवसायिक वाहन आएंगे। लखनऊ में करीब साढ़े तीन लाख वाहन जिसमें करीब सवा तीन लाख निजी दोपहिया और चार पहिया वाहन हैं। वहीं, लगभग 15 हजार व्यवसायिक वाहनों पर भी यह कबाड़ नीति लागू होगी। चरणबद्ध तरीके से इन वाहनों को हटाया जाएगा।
यूपी में लगभग तीन करोड़ वाहन हैं। जिनमें से 20 लाख से ज्यादा वाहन स्क्रैप पॉलिसी के अंडर आएंगे। आने वाले समय में इन वाहनों को स्क्रैप नीति के अंडर सरेंडर करना पड़ेगा। स्क्रैप्ड प्रमाण पत्र के द्वारा नया वाहन खरीदने पर टैक्स में छूट दी जाएगी। गाड़ी मालिकों को इस व्यवस्था से कोई नुकसान भी नहीं होगा।
इस व्यवस्था के लाभ को भी बताया गया हैं। इनमें वाहनों की बिक्री करने पर नगद पैसा दिया जायेगा। इसके साथ ही एक प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। इसे दिखाकर नया वाहन खरीदनें पर टैक्स में 25 % की छूट भी दी जाएगी। वाहन स्वामियों से पंजीकरण शुल्क भी ने नहीं लिया जाएगा।
यूपी में वाहनों 21, 23, 813 संख्या
पुराने वाहनों की प्रदेश में 21, 23, 813 संख्या है। जो स्क्रैप पॉलिसी के दायरे में आने वाले हैं। इनमें नॉन ट्रांसपोर्ट पंजीकृत वाहनों की संख्या करीब 19,20,229 है। ट्रांसपोर्ट वाहनों में लगभग 2,03,584 गाड़ियां हैं।
लखनऊ में पुराने वाहन
ट्रांसपोर्ट वाहनों की संख्या 14,223, नॉन ट्रांसपोर्ट गाड़ियां टीपीनगर आरटीओ वाहनों की संख्या 3,22,854 हैं। देवा रोड एआरटीओ में कुल 9,213 वाहन हैं।
स्क्रैप नीति का एलान कर दिया गया है। आगे की कार्यवाही गाइड लाइन आने के बाद ही की जाएगी। तय गाइड लाइन के अंतर्गत ही विभाग आगे कदम बढ़ाएगा। वाहन स्वामियों को फिलहाल परेशान होने की आवश्कता नहीं है। -रामफेर द्विवेदी, आरटीओ
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