
उत्तर प्रदेश : रेलवे बोर्ड ने दी ‘महाराजा एक्सप्रेस’ को अनुमति, दिल्ली से आएगा प्रेसिडेंशियल ट्रेन का रैक
लखनऊ : राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द एक बार फिर ‘महाराजा एक्सप्रेस’ के उसी प्रेसिडेंशियल सुईट में सफर करेंगे। जिसमें दिल्ली के सफदरजंग से कानपुर उसके बाद कानपुर से लखनऊ तक राष्ट्रपति ने की यात्रा की थी। प्रेसिडेंशियल ट्रेन चलाने को लेकर शुक्रवार को रेलवे बोर्ड ने महाराजा एक्सप्रेस को सफाई दी है। दिल्ली से लखनऊ तक यह रैक खाली आएगा। यहां से राष्ट्रपति अयोध्या रामलला के दर्शन को जाएंगे। इसी ट्रेन से वह वापस लखनऊ आएंगे।
राष्ट्रपति की यात्रा के लिए रेलवे बोर्ड द्वारा महाराजा एक्सप्रेस के साथ तेजस एक्सप्रेस को भी चुना गया था। लिंक हाफमैन बुश तकनीक बोगियों वाला रैक, तेजस है, इसमें एग्जीक्यूटिव क्लास की दो बोगियां भी होती हैं। इस बोगी में सिर्फ सीटिंग क्लास है। जिस लक्जरी ट्रेन महाराजा एक्सप्रेस से राष्ट्रपति ने यात्रा की थी उसमें कन्वेंशनल बोगियां लगाई जाती हैं।
राष्ट्रपति प्रेसिडेंशियल सुईट में डाइनिंग हाल और बेड रूम और दूसरी आधुनिक सुविधाओं से लैस होता हैं। रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार महाराजा एक्सप्रेस के रैक को तैयार करना शुरू हो गया है। दो इंजनों के साथ इसे लखनऊ भेजेंगे। इसके फिटनेस की जांच लखनऊ में भी स्टेशन पर की जाएगी। रेलवे रैक को लखनऊ स्टेशन से फिट घोषित किया जायेगा।
पहले दो बार स्पेशल रैक को लखनऊ से अयोध्या के बीच प्रेसिडेंशियल ट्रेन से दौड़ाकर ट्रायल किया जाएगा। खाली इंजन ट्रेन के आगे पेट्रोलिंग के रूप में दौड़ेगा। प्रेसिडेंशियल ट्रेन में सुपरफास्ट ट्रेनें चलाने वाले आठ लोको पायलटों तथा दो गार्डों की तैनाती की जाएगी। रेलवे इन लोको पायलटों तथा गार्डों के फिटनेस की जांच भी करेगा।
लखनऊ से होकर प्रेसिडेंशियल ट्रेन गुजरेगी। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द इस बार लखनऊ से लेकर अयोध्या तक प्रेसिडेंशियल ट्रेन द्वारा सफर करेंगे। रामलला के दर्शन करने वह अयोध्या जाएंगे।2:20 घंटे में ट्रेन इस 135 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सुनीत शर्मा को राष्ट्रपति भवन की तरफ से प्रेसिडेंशियल ट्रेन को चलाने के लिए निर्देश दिए गए हैं।