अयोध्या में रामलाल को ट्रस्ट ने अर्पित किया 21 किलो का चांदी का झूला
आज के दिन भगवान श्री राम अपने चार भाइयों समेत झूला झूलते हैं। जिन्हें झूले पर बैठाया जाता है और झूला झुलाया जाता है। बाकी मंदिरों में इस उत्सव की शुरुआत तीज से होती है पर अयोध्या के राम मंदिर में इसकी शुरुआत पंचमी से होने की परंपरा है।
अयोध्या : रामलला के मंदिर की तैयारी की शुरुआत हो चुकी है जिसको लेकर वहां की जनता में बेहद खुश है और इस राम मंदिर निर्माण के जल्द पूरा होने के बाद अपने राम को मंदिर में विराजमान देखना चाहते हैं । जिसमें अभी कुछ समय शेष है । पर सावन के दौरान हर राम मंदिर में यह त्योहार मनाया जाता है जिसका इंतजार हर कोई करता है।
इस त्यौहार की शुरुआत सावन की पंचमी में मनाई जाती है जिसे झूलन उत्सव कहते हैं। इस दिन भगवान श्री राम अपने चार भाइयों समेत झूला झूलते हैं। जिन्हें झूले पर बैठाया जाता है और झूला झुलाया जाता है। बाकी मंदिरों में इस उत्सव की शुरुआत तीज से होती है पर अयोध्या के राम मंदिर में इसकी शुरुआत पंचमी से होने की परंपरा है। इस दौरान खुशी मनाते हुए लोग मंगल गीत भी गाते हैं।
इस उत्सव के चलते शुक्रवार को रामलला को चांदी के झूले पर विराजमान कराया गया जिसके लिए श्री राम तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा 21 किलो के चांदी का झूला रामलला के लिए बनवाया गया। जिस पर विराजमान होकर इस श्रावण की बेला पर भगवान अपने भाइयों संग झूला झूले।
रामलला इस झूलें पर श्रवण शुक्ल की रात से लेकर पूर्णिमा तक विराजते हैं और भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। रामलीला के मुख्य अर्चक सत्येंद्र दास के अनुसार भगवान के भाइयों के विग्रह के साथ झूले पर विराजमान कराने से पहले बहुत बड़ा पूजन भी किया जाता है।
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