पंजाब का सियासी घमासान है कि थमने का नाम नहीं ले रहा जिस सियासत में विरोधी पार्टियां एक दूसरे के खिलाफ लड़ती है, सत्ता की हर चाल का इस्तेमाल करती हैं जनता को अपने पक्ष में लाने के लिए पर इस समय एक ऐसा राज्य है जहां पार्टी के अंदर ही सियासत का खेल चल रहा है। कोई किसी को हटाने की कोशिश कर रहा है तो कोई किसी को जिसके चलते पार्टी में हलचल मची हुई है और बहुत हद तक पार्टी में दो भागों में बंटने लगी है।
जी हां हम बात कर रहे हैं पंजाब कि जहां का सियासी घमासान किसी से भी छिपा नहीं है। जहां एक तरफ अमरिंदर सिंह है जो अपनी सत्ता बचाने में लगे तो वहीं कहीं न कहीं विधानसभा चुनाव 2022 के आगमन के चलते अपनी तैयारी में जुटे हैं जिसका शिकार कहीं न कहीं कैप्टन हो रहे हैं।
अब नवजोत सिंह सिद्धू के द्वारा पार्टी में सांसद अमर सिंह, पूर्व डीजीपी मुहम्मद मुस्तफा और डा. प्यारे लाल गर्ग को अपने सलाहकार के रूप में पार्टी में नियुक्त किया है। हालांकि अभी ये साफ नहीं हुआ है कि सिद्धू ने इनको किस तरह के कार्य के लिए रखा जाएगा पर कहीं न कहीं सिद्धू का ये कदम अमरिंदर सिंह के लिए ख़तरनाक साबित हो सकता है। जिसके को लेकर मंगलवार को सोनिया गांधी से मुलाकात कर सिद्धू के पार्टी के प्रति रवैया को लेकर नाराजगी जताई।
मीडिया के द्वारा हरिश रावत से सिद्धू और मुख्यमंत्री के बीत मनमुटाव को लेकर सवाल पूछने पर हरिश रावत ने कहा कि दोनों के बीच कोई मतभेद नहीं है। मुख्यमंत्री ने पीपीए, ड्रग माफिया पर कार्रवाई और राज्य के अन्य मुद्दों को लेकर राज्य सरकारों की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में चर्चा में अध्यक्ष को जानकारी दी।