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अपने खेल को अलग नजरिए से देखने की जरूरत : दीपिका कुमारी

भारतीय तीरंदाज  दीपिका कुमारी ने सोमवार कहा  कि उन्हें ओलंपिक खेलों में प्रदर्शन के दबाव में झुकना बंद करने की जरुरत है।  साथ ही भविष्य में अच्छे  परिणाम देने के लिए एक अलग दृष्टिकोण रखते हुए ओलंपिक  में जाने की जरुरत है।

27 वर्षीय दीपिका ने इस साल पांच विश्व कप पदक जीते थे।  टोक्यो में  खेल रही दीपिका से देश को काफी आस थी। पर वो उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई। ओलंपिक जैसे बड़े  खेलना का दबाव उनके ऊपर साफ़ दिखा। पर इस बार भी भारत तीरंदाजी में पदक हासिल नहीं कर पाया।

दीपिका ने कोलकाता लौटने के बाद कबूल किया, “वो पांच रिंग का प्रेशर, हैवी हो जा रहा है।” दीपिका ने कहा कि उन्हें समझ आए गया है  कि उन्हें पदक के पीछे दौड़ने के बजाय ,  हर पल का आनंद लेने पर काम करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा “हर कोई कहता है कि भारत पास तीरंदाजी में पदक नहीं है, भारत के पास पदक नहीं है। हम वहां इसके बारे में एक हजार बार सोचते हैं, और यह हमारे दिमाग पर हावी हो जाता हैं । इससे हमारी तकनीक को प्रभावित होती है ।यह सही समय है कि मैं अपने खेल का आत्मनिरीक्षण करूं और इसे अब एक अलग नजरिए से देखूं।”

दीपिका ने कहा कि उन्हें सभी खेल के सभी प्रारूपों को समान रूप से देखने की जरुरत है , चाहे वह विश्व कप हो, विश्व चैंपियनशिप या ओलंपिक। पर वहां खिलाडी मेडल के बारे में बहुत ज्यादा सोचने लगते हैं ।

उन्होंने कहा कि  इसे आसान बनाने की जरुरत है साथ ही पल में जीने की जरुरत है। विश्व कप या विश्व चैंपियनशिप में भी, पदक अंतिम लक्ष्य होता है। पर ओलंपिक में पहुँचते ही , सब  खुद को पदक जीतने के विचारों से बाहर नहीं निकाल पाते हैं।

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