झारखंड के सरकारी स्कूल अब होंगे डिजिटल, इन चीजों की होगी स्थापना
झारखंड सरकार अब कोरोना के बाद सरकारी स्कूलों में भी निजी स्कूलों की तर्ज व्यवस्था विकसिती करेगी।
झारखंड सरकार अब कोरोना के बाद सरकारी स्कूलों में भी निजी स्कूलों की तर्ज व्यवस्था विकसिती करेगी। स्कलमों निर्बाध बिजली आपूर्ति, स्वच्छ वातावरण और स्मार्ट बोर्ड लगाए जाएंगे। हर स्कूल में अलग-अलग लैब, लैंग्वेज लेबोरेटरी, लाइब्रेरी और एसटीईएम लैब की स्थापना की जाएगी।
पहले चरण में राज्य के सभी जिलों के प्रस्तावित 80 स्कूलों को स्कूल ऑफ एक्सीलेंस (उत्कृष्ट स्कूल) में तब्दील किया जा रहा है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने टेंडर जारी कर दिया है। विभाग द्वारा शुरुआत में 27 स्कूलों के लिए टेंडर जारी किया गया है और शेष 53 स्कूलों के लिए जल्द ही टेंडर निकाला जाएगा। 2022-23 शैक्षणिक सत्र की शुरुआत तक 80 जिलास्तर के उत्कृष्ट स्कूलों के लगभग दो लाख छात्रों को लाभ पहुंचाना है।
स्कूल ऑफ एक्सीलेंस प्री-प्राइमरी स्तर से लेकर 12वीं कक्षा तक के छात्रों की जरूरतों को पूरा करेगा। इस योजना से राज्य भर के लगभग 15 लाख बच्चे लाभान्वित होंगे। सरकार का लक्ष्य सत्र 2022-23 शुरू होने से पहले 80 जिलास्तरीय उत्कृष्ट स्कूलों, 2023-24 के सत्र से पहले 329 ब्लॉक स्कूलों और 2024-25 के सत्र से पहले 4,000 से अधिक पंचायत स्तर के स्कूलों को स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बनाना है।
छात्रों के अंग्रेजी उच्चारण के अभ्यास और उनकी पढ़ने की क्षमता में सुधार करने के लिए पाठ्यपुस्तकों, कहानी की किताबों, लेखों आदि का उपयोग पठन सामग्री के रूप में किया जाएगा। इन मॉडल स्कूलों में सीखने के परिणामों में सुधार के लिए एक डेडिकेटेड लैंग्वेज लेबोरेटरी स्थापित की जाएगी और इसका उपयोग समीक्षा तंत्र उपकरण के रूप में भी किया जाएगा।