कावड़ यात्रा के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाया पूर्णविराम
कांवड़ संघ के साथ बैठक के बाद यूपी में कांवड़ यात्रा की गई रद्द। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के साथ ही बड़ी संख्या में संतों व कांवड़ यात्री संघ ने भी प्रदेश सरकार से कांवड़ यात्रा को स्थगित करने का किया फैसला।
लखनऊ। कोरोना वायरस संक्रमण काल के कारण उत्तर प्रदेश सरकार के कांवड़ यात्रा स्थगित करने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने भी मामला बंद कर दिया है। उत्तर प्रदेश ने देश की शीर्ष कोर्ट को बताया कि कोरोना को देखते हुए इस वर्ष भी इस यात्रा को स्थगित कर दी गई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को कांवड़ संघों की तरफ से यात्रा स्थगित करने की आधिकारिक जानकारी दी। कांवड़ यात्रा 25 जुलाई से शुरू होनी थी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण इस यात्रा को स्थगित करने का फैसला किया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के साथ ही बड़ी संख्या में संतों व कांवड़ यात्री संघ ने भी प्रदेश सरकार से इस यात्रा को स्थगित करने का फैसला किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने इस यात्रा को लेकर सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा था। इसके बाद कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के जवाब को देखते हुए मामला बंद किया। इसके साथ ही कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि कहीं पर भी इसका उल्लंघन होने पर कड़ी र्कारवाई की जाए। देश तथा प्रदेश में लोगों का जीवन का अधिकार सर्वोपरि है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में इस यात्रा के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार के पक्ष पर सुनवाई शुरू हुई। उत्तर प्रदेश सरकार के वकील ने अपना पक्ष रखा। वकील ने कोर्ट को बताया कि उत्तर प्रदेश में इस वर्ष भी यह यात्रा नहीं होगी। सरकार की तरफ से कोर्ट को जानकारी दी गई कि कई कांवड़ संघों से चर्चा के बाद इस यात्रा को रद किया गया है। अब कांवडिय़ों को मंदिरों में गंगाजल से अभिषेक का विकल्प दिया गया है।
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