Jammu-Kashmir: महबूबा में फिर जागा आतंकवाद के लिए प्रेम, कही ये बात…
Jammu-Kashmir: पीडीपी (People Democratic Party) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के दिल में सोमवार को एक फिर आतंकवाद के लिए प्रेम जागा है।
महबूबा मुफ्ती का ‘विलाप’ है कि जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) सरकार ने आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन के दो बेटों को सरकारी नौकरी से निकाल क्यों कर दिया? सलाहुद्दीन का एक बेटा कृषि विभाग और दूसरा शेरे कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान श्रीनगर में काम करता था।
तिहाड़ जेल में बंद दोनों भाइयों को साल 2011 में दर्ज टेरर फंडिंग और हवाला मामले में गिरफ्तार किया गया था।
महबूबा को दिक्कत है कि पिता के किये की सजा बेटों को क्यों दी गई।
इसके अलावा महबूबा मुफ़्ती ने आर्टिकल 370 की पुनर्बहाली का राग भी फिर अलापा है। उन्होंने दोहराया कि वह चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा तक तक नहीं बनेंगी, जब तक 5 अगस्त, 2019 को लिए गए फैसलों को वापस नहीं लिया जाता। वह खुद के लिए इसे संवेदनशील मुद्दा मानती हैं।
राज्य सरकार ने गत सप्ताह ही जम्मू कश्मीर में आतंकवादी संगठनों के लिए काम करने वाले 11 सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था। इनमें सलाहुद्दीन के दो बेटे भी शामिल हैैं। बीते अप्रैल से अब तक राष्ट्रविरोधी और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आधार पर सरकारी सेवा से 17 अधिकारियों व कर्मियों को नौकरी से बर्खास्त किया जा चुका है।
इसमें महबूबा को सबसे ज्यादा परेशानी सलाहुद्दीन के बेटों को नौकरी से निकाले जाने से हैं। उनका यह दर्द सोमवार को जम्मू में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में छलक पड़ा। बड़े ही भावुक अंदाज में महबूबा ने कहा कि वह किसी का समर्थन नहीं कर रही हैं, लेकिन पिता के किये की काम की सजा के लिए बेटों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, जब तक आपके पास सुबूत न हो।
मुफ़्ती आरोप लगाया कि इस साल सरकार ऐसे 20-25 अधिकारियों-कर्मचारियों को नौकरी से निकाल चुकी है। दरअसल, महबूबा नहीं चाहती हैं कि सरकारी तंत्र में छिपे ऐसे भेडिय़ों को बाहर निकाला जाए, क्योंकि ऐसे राष्ट्र विरोधी तत्व ही उनकी पाकिस्तान परस्ती के एजेंडे में हाथ-पैर बनते हैं।
केंद्र सरकार पर निकाली भड़ास: केंद्र सरकार पर बरसते हुए महबूबा ने आरोप लगाया कि कश्मीरियों को सजा देने के लिए फैसले किए जा रहे हैं।
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