ऋचा जोगी का पुरखों के “गोंड’ होने का दावा हुआ खारिज, जाती प्रमाण पत्र भी हुआ निरस्त
ऋचा जोगी को लगा बड़ा झटका। उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने वंशावली, जमीन, शिक्षण संस्थाओं व उनके पिता की शासकीय सेवा पुस्तिका के आधार पर खारिज किया दावा।
छत्तीसगढ़। इस प्रदेश के बनने के बाद आदिवासी पहचान के साथ उसके पहले मुख्यमंत्री बने अजीत जोगी के परिवार की जातीय स्थिति को लेकर सरकार ने आज एक बड़ा फैसला सुनाया है। इस पूरे मामले में पूर्व विधायक अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी को बड़ा झटका लगा। उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने लंबी जांच और सुनवाई के बाद ऋचा जोगी का जाति प्रमाणपत्र निरस्त करने के एसडीएम के फैसले को बिकुल सहीं करार दिया है।
उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने ऋचा जोगी के गोंड आदिवासी होने वाले दावे को खारिज कर दिया है। बता दें, ऋचा के इस दावे के मुताबिक उनके पूर्वज गोंड आदिवासी जनजाति के थें। जिसके छानबीन समिति ने बताया की ऋचा जोगी की तरफ से हमे उनके पुरखों के गोंड जनजाति होने का कोई प्रमाण नहीं मिला है जिसके बाद मुंगेली से जारी उनका जाति प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया गया है।
वहीँ, छानबीन समिति के उप पुलिस अधीक्षक को ऋचा का जाति प्रमाणपत्र भी जब्त करने का आदेश दिया गया है। इस पूरे मामले पर संतोष जताते हुए प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि अब जाकर आदिवासी समुदाय के साथ न्याय हुआ है। इस पूरे परिवार ने मिलकर आदिवासियों का हक़ मार लिया था। भाजपा सरकार में भी जाति प्रमाणपत्र के सच को छिपाया जाता रहा है। अब बघेल सरकार ने यह साफ कर दिया है कि आदिवासी समुदाय के साथ अन्याय नहीं होगा।
आपको बता दें की यह आदेश 23 जून 2021 को जारी हुआ है जिसे अब सार्वजनिक किया गया है। इस आदेश में कमेटी ने ऋचा जोगी के गोंड जाति प्रमाण पत्र को भी निरस्त करने का आदेश दिया है। साथ ही इस मामले में कार्रवाई के भी निर्देश दिए हैं।
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