अर्थजगत : तेल की बढ़ती कीमतों में कमी की उम्मीद फिलहाल नहीं और महंगा होने की उम्मीद
कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि जारी है। वैश्विक तेल बाजार में ब्रेंट क्रूड 78 डॉलर प्रति बैरल के आस पास पहुंच चुका है। अब ये यही रुकने वाला नहीं है। ऊर्जा विशेषज्ञ ब्रेंट क्रूड की कीमत जल्द 80 से 85 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचने का अनुमान लगा रहे हैं। बैंक ऑफ अमेरिका के मुताबिक़ अगले वर्ष तक क्रूड का भाव 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच जाएगा। इस स्थिति में बढ़ती पेट्रोल-डीजल, सीएनजी और रसोई गैस की कीमतों से आने वाले दिनों में राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।
ifl सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता ने बताया कि ओपेक देश कच्चे तेल के उत्पादन को बढ़ावा देने की योजना पर सहमत होने में विफल रहने के बाद ऊर्जा बाजार फिर से अनिश्चितता की दिशा में हैं। ओपेक के शेष सदस्य तेल उत्पादन में कटौती का वर्तमान वैश्विक समझौता अगले वर्ष अप्रैल के बाद भी जारी रखना चाहते हैं। इससे आने वाले दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में और तेजी देखने को मिल सकती है।
यदि एक बार ब्रेंट क्रूड 80 डॉलर प्रति बैरल के आसपास पहुंचा तो इसे नए बनाने में अधिक वक्त नहीं लगेगा। वहीं इस साल अब तक कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 60 फ़ीसदी तक की वृद्धि हुई है जिसका असर भारतीय बाजार पर देखने को मिल रहा है।
आपको बता दें तेल उत्पादक देश कोरोना काल में हुए नुकसान की पूर्ती के लिए उत्पादन नहीं बढ़ाएंगे। ऐसे में सस्ते तेल की अब उम्मीद करना बेमानी है। भारत के लोगों को महंगे तेल खरीदने के लिए तैयार रहना होगा। आने वाले समय में पेट्रोल-डीजल और भी महंगा हो सकता है।