
DOCTORS DAY : अपनी जान जोखिम में डाल लोगों को बचाने में जुटे रहे ‘धरती के भगवान’
डॉक्टरों को धरती का भगवान कहा जाता है। कोरोना के इस काल में डॉक्टरों ने अपना फर्ज बखूबी निभाया है। डॉक्टर खुद अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों को बचाने में लगे हुए हैं। कोविड अस्पतालों में ड्यूटी करने वाले कुछ डॉक्टर तो कई महीने से अपने घर नहीं गए हैं। खुद कई डॉक्टर संक्रमित भी हो गए हैं।
इतना ही नहीं मरीजों के उपचार के दौरान जिला अस्पताल के डॉ. संतोष कुमार, डॉ. रमेश, डॉ. नवनीत अरोड़ा सहित कई सरकारी डॉक्टर कोरोना संक्रमित भी हो गए। कई डॉक्टरों के परिजन भी संक्रमित हो गए। नियत अवधि तक आइसोलेट रहने के बाद यह डॉक्टर फिर अपनी ड्यूटी पर आ गए और मरीजों की सेवा में जुट गए। कुछ स्वास्थ्य कर्मी भी इस दौरान संक्रमित हुए।
यह भी डॉक्टरों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। इतना ही नहीं शहर के ज्यादातर निजी डॉक्टरों ने भी अपनी ड्यूटी बखूबी निभाई। यह चिकित्सक भी कोरोना संक्रमित हो गए।
बागला जिला अस्पताल के CMS डॉ. आईवी सिंह पर कोरोना काल में कई अतिरिक्त जिम्मेदारी आ पड़ी। जिला अस्पताल में तमाम ऐसे मरीज आए, जो कोरोना संक्रमित थे। उन्होंने जांच के बाद इन्हें कोरोना अस्पतालों में भिजवाया।
उन्होंने ओपीडी ड्यूटी भी की और जरूरत पड़ने पर इमरजेंसी में भी ड्यूटी की। CMS होने की वजह से जिला अस्पताल का प्रशासनिक कार्य तो उन्होंने देखा ही। वह निकटवर्ती जनपद आगरा के रहने वाले हैं। डॉ. आईवी सिंह का कहना है कि वह इन्हीं सब व्यस्तताओं के चलते मार्च 2020 से अपने घर पर केवल एक बार ही जा पाए हैं। फोन पर ही उनकी परिजनों से बात होती रहती है। संवाद
एमडीटीबी अस्पताल में बनाए गए कोरोना एल टू अस्पताल के प्रभारी कहना है पिछले तीन माह से वह अपने घर नहीं जा पाए। वह अलीगढ़ जिले के कस्बा अतरौली के रहने वाले हैं। उनके पिता कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो गए। इस दौरान उन्होंने पहले यहां कोरोना अस्पताल में भर्ती मरीजों की सेवा करना जरूरी समझा और परिजनों से फोन पर ही बात करते रहे। उनका कहना है कि तमाम मरीज उनके और अन्य चिकित्सकों के उपचार से सही हो गए और इसमें वह अपनी संतुष्टि महसूस कर रहे हैं।