
पूर्वांचल में दिसंबर तक होगा NH का जाल, एमपी तक पहुंच होगी आसान
पूर्वी भारत के गेटवे के रूप में विकसित हो रहे वाराणसी की कनेक्टिविटी आने वाले साल में पूर्वांचल से और मजबूत हो जाएगी। रिंग रोड बनते ही गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़ से सीधा जुड़ाव होने के साथ ही NH के सिक्स लेन होते ही गोरखपुर से लेकर बिहार तक वाहन फर्राटा भर पाएंगे। इसके अलावा आने वाले साल में ही बनारस -हनुमना फोरलेन मध्यप्रदेश से सीधा जुड़ाव करेगी। मेरठ से प्रयागराज के बीच बनने वाले गंगा एक्सप्रेस वे से काशी का सीधा जुड़ाव दिल्ली से होगा।
बनारस से प्रयागराज के बीच 6 लेन की सौगात मिलने के बाद इस नेशनल हाईवे को दर्जनों एलिवेटेड रोड से जोड़ा गया है। वाराणसी हनुमना मार्ग भी दिसंबर तक फोर लेन कर लिया जाएगा और 125 किलोमीटर का सफर बेहद आसान हो जाएगा। इसके अलावा घाघरा-वाराणसी, सुल्तानपुर वाराणसी, वाराणसी गोरखपुर को सिक्स लेन बनाने की परियोजना पूरी रफ्तार से आगे बढ़ रही है।
दरअसल, वाराणसी में ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी मजबूत करने के लिए पिछले कई सालों से कवायद की जा रही है। रिंग रोड-2 के निर्माण के बाद वाराणसी शहर में भारी वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह प्रतिबंध लग जाएगा और मिर्जामुराद से ही वाहन गाजीपुर, मऊ, सहित अन्य जिलों में निकल जाएंगे।
यहां बता दें कि हड़िया-राजातालाब मार्ग के सिक्स लेन होने के बाद प्रयागराज तक का सफर बहुत आसान हो गया है। वर्ष 2022 की शुरुआत से ही इन सभी सड़कों के निर्माण पूरा होने से सफर कम समय में पूरा होगा।
मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने कहा कि सड़कों का जाल बनारस से पूर्वांचल की कनेक्टिविटी मजबूत करेगा। दिसंबर तक सड़क से जुड़ी सभी परियोजनाएं पूरी कर ली जाएंगी। नेशनल हाईवे के चौड़ीकरण से शहर के विकास को भी लाभ होगा।
MP की सीमा से लगे हनुमना तक की सड़क को फोरलेन परियोजना वाराणसी के अलावा मिर्जापुर से भी गुजर रही है। इसमें कई जगह पर पुलिया निर्माण और जमीन अधिग्रहण में समस्या है। मगर, जल्द ही इसे सुलझा लिया जाएगा। इसके अलावा नेशनल हाइवे की मजबूत कनेक्टिविटी से बिहार तक का सफर फर्राटा के साथ पूरा हो जाएगा।
यूपी सरकार वाराणसी-प्रयागराज हाईवे किनारे औद्योगिक कलस्टर बनाने पर विचार कर रही है। इसके लिए जमीन चिह्नित की जाएगी। इसके अलावा इस हाईवे को जोड़ते हुए बन रहे रिंग रोड भी पूर्वांचल की कनेक्टिविटी मजबूत करेंगे।