धर्मांतरण के मामले में ATS की जांच में हुआ बड़ा खुलासा,संपर्क में कानपुर के आठ शख्स
धर्मांतरण के मामले में ATS की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। कानपुर के आठ शख्स मोहम्मद उमर गौतम और उसकी संस्था आईडीसी के संपर्क में हैं। ये कट्टरपंथी हैं, इनमें एक-दो मौलवी भी हैं। कानपुर या उसके आसपास होने वाली उमर की सभाओं में ये लोग शिरकत करते थे और भीड़ जुटाते थे। ATS इनकी कुंडली खंगाल रही है। क्राइम ब्रांच ने भी अपने स्तर से जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। UP ATS धर्मांतरण के मामले में अब तक पांच आरोपियों की गिरफ्तारी कर चुकी है। सबसे पहले आईडीसी के उमर गौतम व जहांगीर को गिरफ्तार किया था। रिमांड पर लेने के बाद ये दोनों एक के बाद एक राज खोल रहे हैं। इसके आधार पर एटीएस ने उनसे जुड़े लोगों की सूची तैयारी की है। इसमेें कानपुर के भी आठ लोगों का नाम शामिल है। कानपुर पुलिस को सूची दी गई है। जांच एजेंसी को आशंका है कि धर्मांतरण के मामले में कहीं न कहीं इनकी भी भूमिका है। इनके बारे में एक-एक जानकारी जुटाई जा रही है।
जांच एजेंसियों ने जिन संदिग्धों को चिह्नित किया है, उनकी धर्मांतरण कराने में अहम भूमिका है। गैर मुस्लिमों को ये लोग धर्मांतरण के लिए प्रोत्साहित करते हैं। बहला फुसलाकर सभाओं में ले जाते हैं। इसके बाद प्रलोभन देकर धर्मांतरण के लिए प्रेरित करते हैं।
थोड़ा सा भी झुकाव देखकर IDC से जुड़े अन्य लोगों से संपर्क करवाते हैं। खासकर फोन पर। इसके बाद ये लोग माइंड वॉश करना शुरू करते हैं। आशंका है कि काकादेव के आदित्य और रिचा देवी के धर्मांतरण में भी इनकी भूमिका है।
क्राइम ब्रांच ने एक-एक कर सभी का सत्यापन कर लिया है। पूछताछ भी की जा रही है। एटीएस के अफसर भी पूछताछ कर रहे हैं। इन सभी के मोबाइल नंबरों की सीडीआर देखी जा रही है। पता किया जा रहा है कि ये सभी किन-किन लोगों के संपर्क में थे। पिछले एक दो वर्षों में कहां-कहां गए और किनसे मिले।
धर्मांतरण करने वाले आदित्य गुप्ता ने खुलासा किया था कि करीब नौ वर्ष पहले चमनगंज निवासी मो. वासिफ नाम का शख्स उसको हलीम मुस्लिम कॉलेज में होनी वाली सभाओं में ले गया था। जांच में पता चला कि वर्तमान में वासिफ कन्फेक्शनरी की दुकान चलाता है। उसकी मां साथ में रहती हैं। जांच एजेंसी पता कर रही हैं कि वासिफ का कोई रोल है या नहीं। हालांकि उसकी मां का कहना है कि पिछले पांच साल से वह किसी सभा में नहीं गया। दुकान से परिवार का खर्च चलाता है। वासिफ भी मूक बधिर है।
के मामले में ATS की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। कानपुर के आठ शख्स मोहम्मद उमर गौतम और उसकी संस्था आईडीसी के संपर्क में हैं। ये कट्टरपंथी हैं, इनमें एक-दो मौलवी भी हैं। कानपुर या उसके आसपास होने वाली उमर की सभाओं में ये लोग शिरकत करते थे और भीड़ जुटाते थे। ATS इनकी कुंडली खंगाल रही है। क्राइम ब्रांच ने भी अपने स्तर से जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। UP ATS धर्मांतरण के मामले में अब तक पांच आरोपियों की गिरफ्तारी कर चुकी है। सबसे पहले आईडीसी के उमर गौतम व जहांगीर को गिरफ्तार किया था। रिमांड पर लेने के बाद ये दोनों एक के बाद एक राज खोल रहे हैं। इसके आधार पर एटीएस ने उनसे जुड़े लोगों की सूची तैयारी की है। इसमेें कानपुर के भी आठ लोगों का नाम शामिल है। कानपुर पुलिस को सूची दी गई है। जांच एजेंसी को आशंका है कि धर्मांतरण के मामले में कहीं न कहीं इनकी भी भूमिका है। इनके बारे में एक-एक जानकारी जुटाई जा रही है।
जांच एजेंसियों ने जिन संदिग्धों को चिह्नित किया है, उनकी धर्मांतरण कराने में अहम भूमिका है। गैर मुस्लिमों को ये लोग धर्मांतरण के लिए प्रोत्साहित करते हैं। बहला फुसलाकर सभाओं में ले जाते हैं। इसके बाद प्रलोभन देकर धर्मांतरण के लिए प्रेरित करते हैं।
थोड़ा सा भी झुकाव देखकर IDC से जुड़े अन्य लोगों से संपर्क करवाते हैं। खासकर फोन पर। इसके बाद ये लोग माइंड वॉश करना शुरू करते हैं। आशंका है कि काकादेव के आदित्य और रिचा देवी के धर्मांतरण में भी इनकी भूमिका है।
क्राइम ब्रांच ने एक-एक कर सभी का सत्यापन कर लिया है। पूछताछ भी की जा रही है। एटीएस के अफसर भी पूछताछ कर रहे हैं। इन सभी के मोबाइल नंबरों की सीडीआर देखी जा रही है। पता किया जा रहा है कि ये सभी किन-किन लोगों के संपर्क में थे। पिछले एक दो वर्षों में कहां-कहां गए और किनसे मिले।
धर्मांतरण करने वाले आदित्य गुप्ता ने खुलासा किया था कि करीब नौ वर्ष पहले चमनगंज निवासी मो. वासिफ नाम का शख्स उसको हलीम मुस्लिम कॉलेज में होनी वाली सभाओं में ले गया था। जांच में पता चला कि वर्तमान में वासिफ कन्फेक्शनरी की दुकान चलाता है। उसकी मां साथ में रहती हैं। जांच एजेंसी पता कर रही हैं कि वासिफ का कोई रोल है या नहीं। हालांकि उसकी मां का कहना है कि पिछले पांच साल से वह किसी सभा में नहीं गया। दुकान से परिवार का खर्च चलाता है। वासिफ भी मूक बधिर है।