हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के UPBOARD की परीक्षाएं तो रद्द कर दी गई, लेकिन परीक्षा शुल्क के नाम पर विद्यार्थियों का 4.68 करोड़ रुपये विभाग ने जमा कराए हैं।
कोरोना महामारी के चलते परीक्षा न होने का फरमान तो जारी किया गया, लेकिन इस धनराशि को लेकर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है। हालांकि, विभागीय अधिकारी बोर्ड परीक्षा की प्रक्रिया शुरू होने का तर्क दे रहे हैं।
माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत 24 राजकीय, 50 सहायता प्राप्त व वित्तविहीन सहित 419 विद्यालय संचालित हैं। इन स्कूलों में बीते सत्र में हाईस्कूल में 45,533 और इंटरमीडिएट में 40,048 विद्यार्थी पंजीकृत थे।
यूपी बोर्ड परीक्षा संपन्न कराने के लिए परीक्षा शुल्क के रूप में हाईस्कूल के छात्र से 501 रुपये व इंटरमीडिएट के छात्र से 601 रुपये नियमत: जमा कराने का प्रावधान है।
इस बार भी परीक्षा शुल्क के नाम पर HIGHSCHOOL के विद्यार्थियों से करीब 2,28,12,033 रुपये और इंटरमीडिएट के विद्यार्थियों से 2,40,68,848 रुपये कुल 4,68,80,881 रुपये जमा कराए गए हैं।
इस बार आधी-अधूरी तैयारियों की वजह से फरवरी माह में होने वाली बोर्ड परीक्षा की तिथि पहले टाल दी गई और बाद में कोरोना संक्रमण में तेज होने के कारण परीक्षाएं स्थगित कर दी गईं।
हाल ही में उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाएं रद्द करने का एलान किया है। अर्ध वार्षिक व प्री-बोर्ड परीक्षाओं में मिले अंकों के आधार पर ही इन्हें प्रोन्नत किया जाना है।
इस तरह बोर्ड परीक्षाएं तो होंगी नहीं, लेकिन इस मद में जमा किए गए करीब 4.68 करोड़ रुपये को लेकर अभी कोई निर्णय लिया गया है। उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि परीक्षा नहीं कराई गई है, लेकिन परीक्षा शुल्क छात्रों से जमा कराया गया था।
जब परीक्षा नहीं होगी तो विद्यार्थियों को परीक्षा शुल्क वापस किया जाना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो कोरोना संक्रमण की वजह से तमाम परेशानियां झेल रहे वित्तविहीन शिक्षकों को इस धनराशि में से सहायता प्रदान की जाए।
यूपी बोर्ड परीक्षा परिस्थितिवश रद्द तो कर दी गई है, लेकिन इसकी तैयारियां व प्रक्रिया शुरू हो गई थी। प्रश्नपत्र भी छप चुके थे। उत्तर पुस्तिकाएं भी आना शुरू हो गई थीं। हालांकि, परीक्षा शुल्क के संबंध में शासन स्तर से अभी तक कोई चर्चा नहीं की गई है। शासन से न ही अभी कोई दिशा-निर्देश प्राप्त हुआ है। जैसा निर्णय बोर्ड की ओर से लिया जाएगा, उसका अनुपालन कराया जाएगा।-मनोज कुमार द्विवेदी, संयुक्त शिक्षा निदेशक माध्यमिक, अयोध्या मंडल