
अयोध्या में दीपोत्सव : अब 15 दिन का होगा आयोजन, रामनगरी के विजन डॉक्यूमेंट में प्रस्ताव
अयोध्या को आध्यात्मिक मेगा सिटी के रूप में विकसित करने के लिए बने विजन डॉक्यूमेंट में रामनगरी को उत्सवधर्मी नगर के रूप में विकसित किया जाना है। इसमें भगवान राम के जीवन चक्र से जुड़े विषयों पर विविध आयोजन की रूपरेखा तय की गई है। इसमें अयोध्या में होने वाला तीन दिवसीय दीपोत्सव 15 दिन करने का प्रस्ताव है। अभी तक ये तीन दिन का होता है। इसमें विविध प्रकार के आयोजन होंगे। साथ ही परिक्रमा मार्ग पर भगवान राम के जीवन वृत से संबंधित प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।
इसके अलावा भरतकुंड के पौराणिक स्थल व नई विकसित होने वाली ग्रीन सिटी में भी सांस्कृतिक आयोजनों की धूम रहेगी। अयोध्या में हर माह धार्मिक दृष्टि से कुछ न कुछ आयोजन होते रहे हैं। इन धार्मिक आयोजनों को आस्था के साथ सांस्कृतिक दृष्टि से बेहतर बनाए जाने की रूपरेखा तय की गई है।
अयोध्या में जनवरी माह में मकर संक्रांति, फरवरी माह में मौनी अमावस्या, मार्च माह में महाशिवरात्रि व रंगभरी एकादशी, अप्रैल माह में रामनवमी, मई माह में बुद्ध पूर्णिमा व जानकी नवमी, जून माह में गंगा दशहरा, जुलाई माह में गुरु पूर्णिमा, अगस्त माह में मणि पर्वत का झूलनोत्सव, अक्तूबर माह में शरद पूर्णिमा व विजयादशमी, नवंबर माह में कार्तिक नवमी दीपावली व दिसंबर माह में श्रीराम विवाहोत्सव मनाया जाता है।
यह सभी मुख्य उत्सव में शामिल धार्मिक त्योहारों को स्थानीय लोग पूरी श्रद्धा के साथ जोश के साथ मनाते हैं। इसमें तीन उत्सव श्रीराम नवमी, मणिपर्वत का झूलोत्सव व दीपोत्सव सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इन तीनों मेलों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दूसरे जनपदों से भी आते हैं। इसके अलावा परिक्रमा में भी बड़ी तादात में लोग अयोध्या की परिक्रमा करने आते हैं ,लेकिन यह सांस्कृतिक उत्सव में शामिल नहीं है।
अयोध्या के विजन डॉक्यूमेंट में अयोध्या के आकर्षण को बढ़ाने के लिए यहां पर सांस्कृतिक उत्सव को बढ़ावा दिए जाने की सलाह दी गई है। इसमें अयोध्या में होने वाले दीपोत्सव को 15 दिन का किए जाने का प्रस्ताव है। अभी तक दीपोत्सव मात्र तीन दिनों का होता है। इसमें छोटी दीपावली के दिन राम की पैड़ी पर लाखों दीपों को एक साथ जलाया जाता है। साथ ही दो दिन विविध प्रकार के सांस्कृतिक आयोजन होते हैं।