भारत के स्टार स्पिनर अश्विन की कैसे हुई भारतीय टीम में एंट्री
रविचंद्रन अश्विन बर्थडे रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) की गिनती भारत के टॉप स्पिनरों में होती है। अश्विन की बायोग्राफी (Ravichandran Ashwin Biography) की बात करें तो अश्विन का जन्म (Ravichandran Ashwin Birthday) 17 सितंबर 1986 में तमिलनाडु के तमिल परिवार में हुआ था। इन दिनों अश्विन भारतीय टीम से बाहर चल रहे हैं। अश्विन घरेलू क्रिकेट में तमिलनाडु के लिए खेलते हैं और इंडियन प्रीमियर लीग यानि आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब के कप्तान हैं। अश्विन टेस्ट क्रिकेट में 50, 100, 150, 200,250 और 300 विकेट लेने वाले सबसे तेज भारतीय गेंदबाज हैं। यहां तक कि कुछ मामलों में तो अश्विन दुनिया में सबसे तेज भी हैं। 2016 में अश्विन ICC क्रिकेटर ऑफ द ईयर पुरस्कार जीतने वाले तीसरे भारतीय बने। अश्विन हाल के समय में श्रीलंका के अजंता मेंडिस के अलावे कैरम बॉल फेंकने वाले एकमात्र गेंदबाज हैं। अश्विन ने अब तक के अपने करियर में बल्लेबाजी में भी खूब कमाल दिखाया है।
उन्होंने अपनी शुरूआती शिक्षा पदमा शेशाद्री बला भवन व सेंट बेड़े स्कूल से प्राप्त की। अश्विन ने एसएसएन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से बीटेक किया है। अश्विन के पिता भी क्लब स्तर पर तेज गेंदबाज के तौर पर क्रिकेट खेल चुके हैं। सेंट बेड़े स्कूल में अश्विन के कोच सीके विजय और चंद्रा ने उनके करियर में एक बड़ी भूमिका निभाई और इन कोचों ने अश्विन की गेंदबाजी शैली को मीडियम पेस से ऑफ स्पिन में बदल दिया।
2006-2007 में एक गेंदबाज के रूप में अश्विन ने तमिलनाडु के लिए स्टेट लेबल पर क्रिकेट खेला। उनके अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए उनका चयन भारतीय क्रिकेट टीम में किया गया। अश्विन ने भारत के लिए तीनो क्रिकेट फॉर्मेट में बल्लेबाजी और गेंदबाजी से अपनी प्रतिभा दिखाई। साथ ही आईपीएल में 2009-2015 तक चेन्नई सुपरकिंग्स, 2016 में पुणे और बाद में किंग्स इलेवन पंजाब के लिए खेले।
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रविचंद्रन अश्विन का भारत इंटरनेशनल करियर 2010 के इंडियन प्रीमियर लीग यानि आईपीएल में अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर रविचंद्रन अश्विन को मई-जून 2010 में जिम्बाब्वे दौरे पर जाने वाली टीम में चुना गया था। अश्विन ने 5 जून 2010 को श्रीलंका के खिलाफ एकदिवसीय मैच की शुरुआत की, जिसमें उन्होंने 32 गेंदों में 38 रन बनाए और साथ ही उस मैच में उन्होंने 50 रन देकर दो विकेट लिए। एक हफ्ते बाद उन्होंने हरारे में जिम्बाब्वे के खिलाफ टी20 डेब्यू हुआ, जहां उन्होंने चार ओवर में 22 रन डाकर एक विकेट लिए थे। 6 नवंबर 2011 को वेस्टइंडीज के खिलाफ अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया।
अनिल कुंबले की तरह रविचंद्रन अश्विन भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़कर क्रिकेट में कैरियर बनाने को प्राथमिकता दी। शुरुवाती समय में अश्विन तमिलनाडु क्रिकेट टीम दक्षिण जोन के लिए ऑलराउंडर के रूप में खेलते थे। आश्विन ने 2006-07 में तमिलनाडु की ओर से खेलते हुए 20 से भी कम औसत से 31 विकेट झटके। लेकिन इसी सीजन में कलाई की चोट के चलते अश्विन यह प्रदर्शन जारी रखने में नाकाम रहे।
इसके बाद इनका सिलेक्शन इंडियन प्रीमियर लीग में चेन्नई सुपर किंग्स की ओर हुवा। 2008 में आश्विन ने आईपीएल के जरिए शानदार वापसी की। वह टूर्नामेंट में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए 2010 में 13 विकेट लेने वाले बने। इसके बाद इनका सिलेक्शन इंटरनेशनल क्रिकेट में हुवा। हालाँकि जूनियर स्तरीय क्रिकेट में एक शुरुआती बल्लेबाज के रूप में छोटी सफलता हासिल करने के बाद, अश्विन ने ऑर्डर हटा दिया और ऑफ ब्रेक गेंदबाज बन गए।
2010 की शुरुआत में आश्विन को टीम इंडिया की ओर से खेलने का मौका मिला। 2011 में विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का भी अश्विन हिस्सा थे लेकिन हरभजन सिंह के टीम में होने के कारण उनको मौका नही मिला खेलने का। लेकिन अश्विन लगातार मेहनत करते रहे और उनके निरंतर सुधरते प्रदर्शन और हरभजन के डूबते करियर के चलते अश्विन टीम में स्थाई हो गए। रविचंद्रन अश्विन आईपीएल के मध्यम से नज़रों में आए थे, लेकिन जल्दी ही उन्होने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी जगह ढूँढ ली।
अपने पहले ही टेस्ट मैच में वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ अश्विन ने 9 विकट लिए, जो की नरेंद्र हिरवानी के बाद किसी भी भारतीय का पहले मैच में सबसे ज़्यादा विकट लेने का रिकॉर्ड है। उन्हें अपने पहले ही टेस्ट मैच में मॅन ऑफ द मैच मिला। आईपीएल में चेन्नई सूपर किंग्स के दो साल के प्रतिबंध के चलते अश्विन को राइज़िंग पुणे सूपरजाइयेंट ने 2016 में 7.5 करोड़ में खरीदा। उनकी कैरम्म बॉल, उतनी ही बेहतरीन आर्म बॉल, ऑफ स्पिन गेंद पर नियंत्रण, और एक तेज़ दिमाग़ ने अश्विन को सीमित ओवेरो की क्रिकेट का धुरंधर स्पिन्नर बना दिया।
अपने पहले 16 टेस्ट मैचों में ही अश्विन 9 बार पारी में 5 या उससे अधिक विकट ले चुके थे और 2013 में उन्होने एरपल्ली प्रसन्ना का रिकॉर्ड तोड़ कर टेस्ट मैचों में भारत की तरफ से सबसे तेज़ 100 विकट लेने का कीर्तिमान महज़ 18 टेस्ट मैचों में बना दिया।
अश्विन ने अपना 200वां विकेट न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के खिलाफ ग्रीन पार्क स्टेडियम, कानपुर में 26 सितम्बर को लिया था साथ ही ये भारत दुसरे सबसे तेज 200 विकेट लेने वाले भी बन गए। अपने शानदार प्रदर्शन के चलते अश्विन को आईसीसी ने 2016 में टेस्ट प्लेयर ऑफ द ईयर और आईसीसी क्रिकेटर ऑफ थे ईयर के खिताब से नवाज़ा। अश्विन 2017 में टेस्ट मैचों में गेंदबाज़ों और ऑल राउंडरों की सूची में दूसरे स्थान पर हैं। अश्विन एकमात्र ऐसे भारतीय क्रिकेटर हैं जिसने एक ही टेस्ट मैच में शतक लगाने के अलावा 5 विकेट लेने का कारनामा दो बार किया। अश्विन अपने पदार्पण मैच में ही ‘मैन ऑफ द मैच’ अवॉर्ड पाने वाले तीसरे भारतीय क्रिकेटर हैं।