Uttar Pradesh

यूपी : गोरखनाथ मंदिर से सटे अल्पसंख्यकों के 11 घर खाली कराने की तैयारी, दिया जाएगा मुआवजा

गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा वजह से गोरखनाथ मंदिर के दक्षिण पूर्वी कोने पर स्थित अल्पसंख्यकों के 11 घरों को खाली कराया जाएगा। इस संबंध में जिला प्रशासन तैयारी कर रहा है। जिला प्रशासन का दावा है कि सभी की सहमति के बाद घर खाली कराए जाएंगे। संबंधित परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाएगा। उन्हें दूसरी जगह बसाने की व्यवस्था की जाएगी। गोरखनाथ

घरों को खाली कराने के संबंध में जिला प्रशासन की तरफ से एक सहमति पत्र तैयार किया गया है, जिस पर 11 में से नौ लोगों ने दस्तखत कर दिए हैं, जबकि दो परिवार बाकी हैं। वहीं, कुछ लोग दबी जुबान आरोप लगा रहे हैं कि प्रशासन जबरन दस्तखत करा रहा है। यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि सहमति पत्र में न तो मुआवजे की बात कही गई है न ही यह स्पष्ट है कि सहमति पत्र किस विभाग की तरफ से तैयार किया गया है। गोरखनाथ

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हालांकि कोई भी खुलकर नहीं बोल रहा है। संबंधित परिवारों के लोग इस बारे में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। वहीं, प्रशासन का दावा है कि किसी पर भी दबाव नहीं बनाया गया है। कार्रवाई शुरूआती दौर में है। अभी लोगों से सहमति ली जा रही है। तत्काल किसी को बेघर नहीं किया जा रहा है। सभी की सहमति, मुआवजा आदि की घोषणा के बाद ही कोई कार्रवाई होगी।

खतरे में सीएम की सुरक्षा, एजेंसियों ने तैयार की रिपोर्ट
प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक केंद्र एवं राज्य की खुफिया एजेंसियों ने सुरक्षा के लिहाज से एक रिपोर्ट तैयार की है। इसी आधार पर मंदिर के मुख्य गेट से सटे पंजाब नेशनल बैंक की इमारत, जोकि मंदिर की संपत्ति है, उसे भी परिसर में मिलाने का प्रस्ताव है, ताकि मुख्य द्वार पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जा सके।

ऐसे इंतजाम किए जाएं कि गेट पर ही हर व्यक्ति से लेकर वाहन तक की जांच हो सके। साथ ही मंदिर के दक्षिण पूर्वी कोने और कुछ और हिस्सों में पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की जाएगी। इसी के मद्देनजर शासन के निर्देश पर प्रशासन ने इन घरों को खाली कराने की तैयारी शुरू की है। सबसे सहमति बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री की सुरक्षा के लिहाज से यह कदम उठाया गया है। एजेंसियों ने सीएम की सुरक्षा को खतरा बताया है।

अफवाह फैला कुछ लोग मामले को धार्मिक रूप देने में जुटे : प्रशासन
जिला प्रशासन का कहना है कि मामला प्रारंभिक दौर में है। जो भी घर हटाने की तैयारी है वे सभी अल्पसंख्यकों के हैं। इसी का फायदा उठाकर कुछ लोग तरह-तरह की अफवाहें फैलाकर मामले को धार्मिक रूप देने में जुट गए हैं। सभी की सहमति से सहमतिपत्र पर हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं।

हस्ताक्षर करने वाले कोई शिकायत नहीं कर रहे, मगर कुछ लोग उन्हें न केवल उकसा रहे, बल्कि गलत बयानबाजी कर रहे हैं। मामले को धार्मिक रूप देकर शांति व्यवस्था भंग करने की साजिश रचने वाले ऐसे लोगों को चिह्नित किया जा रहा है। उन पर कार्रवाई की जाएगी।

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