Uttar Pradesh

लखनऊ में ब्लैक फंगस का कहर, 27 नए मरीज आए सामने 

कोरोना से उबरने के बाद मरीज ब्लैक फंगस का शिकार हो रहे हैं। शुक्रवार को राजधानी के अस्पतालों में ऐसे 27 मरीज भर्ती हुए। अब तक लखनऊ में ब्लैक फंगस के सौ से ज्यादा मरीज भर्ती हो चुके हैं।

अब तक सबसे ज्यादा 96 मरीज केजीएमयू में भर्ती हुए हैं। पिछले 24 घंटे के दौरान 23 मरीज भर्ती किए गए हैं। केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि ब्लैक फंगस के छह गंभीर मरीजों के ऑपरेशन किए जा चुके हैं। मरीजों की निगरानी की जा रही है।

वहीं चार मरीज लोहिया संस्थान में भर्ती किए गए हैं। लोहिया संस्थान में अब तक 11 मरीज भर्ती किए जा चुके हैं। इनमें एक मरीज की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इसी तरह अपोलो मेडिक्स अस्पताल में भी एक मरीज भर्ती किया गया है। चन्दन में अब तक 20 मरीज भर्ती किए जा चुके हैं।

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यहां 24 घंटे के दौरान कोई नया मरीज भर्ती नहीं किया गया है। फिलहाल इन मरीजों को एंटी फंगस दवाओं का डोज दिया जा रहा है। दवाओं का संकट भी इन मरीजों का दर्द बढ़ा रही है। दवाओं के अभाव की वजह से भी इनका रिकवरी रेट कम है। गंभीर मरीजों का ऑपरेशन करके फंगस को निकाला जा रहा है।

डॉक्टरों की सलाह- एक फीसदी से भी कम में खतरा
लोहिया संस्थान के डॉ. विक्रम सिंह के अनुसार ब्लैक फंगस के मामले इस समय बढ़ गए हैं। पर अभी भी इनकी संख्या बहुत कम है। जिन मरीजों की इम्युनिटी बहुत ही कमजोर है, उनको ही इसका खतरा है। ऐसे मरीजों की संख्या एक फीसदी भी नहीं है। इसलिए परेशान न हों। सिर्फ लक्षणों पर ध्यान दें। अगर नाक और आंख के बीच सूजन आती है तथा दर्द होता है तो इस पर ध्यान दें। डायबिटीज, अंग प्रत्यारोपण, कीमोथेरेपी वाले मरीज को फंगस का खतरा होता है, बाकी में इसकी आशंका अभी भी बहुत कम है।

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